समाचार-पत्र की उपयोगिता
मानव स्वभाव से जिज्ञासु, चिंतनशील तथा मानसिक एवं बौधिक शक्तियों से युक्त है। वह अपने आस-पास और दूर-सुदूर की घटनाओं को जानने का इच्छुक रहता है। समाचार-पत्र के विकास के पीछे भी मानव का यही जिज्ञासु स्वभाव उत्तरदायी है। समाचार-पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक सभी प्रकार के होते हैं। आज तो सांध्य समाचार भी निकलने लगे हैं। समाचार-पत्र अनेक प्रकार से उपयोगी हैं। इनसे देश-विदेश की जानकारी मिलती है, ये मनोरंजन के साधन है, अनेक प्रकार के विज्ञापन भी इनमें छपते हैं, सरकारी सूचनाएँ, बाजार भाव, सभा-गोष्ठियों तथा चलचित्रों की सूचनाएँ, मौसम का हाल, शेयर मार्किट का हाल, नौकरियों के विज्ञापन, वैवाहिक विज्ञापन तथा खेलकूद संबंधी अन्य जानकारी समाचार-पत्रों में उपलब्ध रहती है। आज समाचार-पत्र प्रजातंत्र की शक्ति का आधारस्तंभ बन गया है। एक ओर जहाँ यह जनता की आवाज़ है, तो वहीं जनता का वकील तथा सरकार को चेताने वाला साधन भी है। इससे जनमत का निर्माण होता है। कुछ समाचार-पत्र कभी-कभी अपने तुच्छ स्वार्थों की पूर्ति के लिए खबरों को तोड़मरोड़ कर छापते हैं तथा धर्म, जाति, भाषा आदि के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। ऐसी स्थिति में समाचार-पत्र बहुत हानि पहुंचाते हैं।