Home » Hindi Letter Writing » Videsh mitra ko apni bhasha tha apne desh me hi rehne ke vishay me patra “विदेशी मित्र को अपनी भाषा तथा अपने देश ही रहने के विषय मे पत्र ” Sample Hindi Letter

Videsh mitra ko apni bhasha tha apne desh me hi rehne ke vishay me patra “विदेशी मित्र को अपनी भाषा तथा अपने देश ही रहने के विषय मे पत्र ” Sample Hindi Letter

विदेशी मित्र को अपनी भाषा तथा अपने देश ही रहने के विषय मे पत्र 

Hindi-Letter-Writing-GyanIQ

दिल्ली ।

दिनांक 16 अगस्त,

प्रिय बंधु,

सप्रेम नमस्ते ।

अत्र कुशलं तत्रास्तु ।

आपका पत्र कुछ दिन पूर्व मिला । यह जानकर कि श्रीलंका सरकार ने निश्चित अवधि के अंदर अपनी देशीय भाषा सिंहली में राजकीय काम-काज करने की घोषणा कर दी है, हदय गदगद हो उठा। इससे बढ़कर खुशी यह पढ़कर हुई कि श्रीलंका सरकार ने राजकीय कर्मचारियों को एक वर्ष के अंदर सिंहली भाषा का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का आदेश जारी कर दिया है । जो कर्मचारी इस अवधि के बीच सिंहली भाषा नहीं सीख पाएँगे उन्हें सेवा से निवृत्त कर दिया जाएगा । इससे कुछ श्रीलंकावासियों को विशेषकर जो पुराने अंग्रेजी और अंग्रेजियत के रंग में रंगे हुए हैं, कुछ असुविधाएँ तो अवश्य होंगी; किंत बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी ? इस दशा को कब तक चलाया जा सकता है ? चंद अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोगों के हाथों में कब तक देश का भाग्य सौंपा जा सकता है ?

प्रियवर ! आपके देश की सरकार ने तो इस संबंध में दृढ़ पग उठा लिया और वह उसे कार्यावित भी कर देगी; किंतु इस संबंध में भारत की दशा डाँवाडोल है । आज देश को स्वतंत्र हुए पाँच दशक से अधिक हो गए हैं । 1950 में जब भारत का संविधान तैयार हुआ, उसमें हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा स्वीकार किया गया था । उस समय अंग्रेज़ी को हिंदी द्वारा स्थानांतरित किए जाने के लिए 15 वर्षों की अवधि भी लंबी-सी प्रतीत होती थी; किंतु आज इसके समाप्त हो जाने पर भी हिंदी को अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त नहीं हुआ ।

हमारे देश में कुछ अंगेज़ी व अंग्रेजियत के मोहपाश में फंसे हुए भारतवासी उसी से चिपके रहना चाहते हैं । इस दशा में राजनीतिक रूप में तो स्वतंत्र हैं, किंत मानसिक रूप में अब भी हम पराधीन हैं। आज सभी समस्याओं पर अंग्रेजियत के दृष्टिकोण से विचार किया जाता है । अब भी हम सभी क्षेत्रों में परमुखापेक्षी हैं । जब भी कोई समस्या हमारे सम्मुख अपना विकराल मुख खोलती है, तभी हम पश्चिम का मुख देखने लगते हैं । वास्तव में यह स्थिति अत्यंत शोचनीय है।

यह बात सिर्फ भारत पर ही नहीं, अपितु एशिया के समस्त राष्ट्रों पर लागू होती है । लगभग पूर्ण एशिया पर पश्चिम की जातियों ने शताब्दियों तक शासन किया और इन देशों का शोषण किया । इस क्षेत्र में पाश्चात्य देशवासियों की कूटनीति की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जा सकता कि उन्होंने एशिया के राष्ट्रों में अपनी प्रभुसत्ता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपनी भाषा, धर्म और संस्कृति का प्रचार कर उन देशवासियों के मस्तिष्क को अपने अधीन बना लिया। फलतः एशियावासियों की स्वतंत्र विचारधारा की राह अवरुद्ध हो गई । वे सभी कार्यों के लिए विदेशी शासकों का मुख देखने लगे ।

एशिया के राष्ट्र यद्यपि विदेशी परतंत्रता के बंधनों से मुक्त हो रहे हैं; कितु उनमें मानसिक दासता का भाव विद्यमान है । जब तक हमारी यह मानसिक परतंत्रता की भावना दूर नहीं होगी, तब तक हम जीवन के किसी क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विकास और प्रगति नहीं कर सकेंगे ।

अब आवश्यकता इस बात की है कि सबसे पहले एशिया के राष्ट्रों में अंग्रेजी और अंग्रेजियत के प्रति, जो श्रद्धा भावना है उसे खत्म किया जाए । तभी एशिया के राष्ट्र राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में अपने स्वतंत्र व्यक्तित्व की छाप अंकित कर पनप सकते हैं । आशा है कि इस पत्र में लिखित मेरे विचारों से आप पूर्णतया सहमत होंगे ।

आपका विश्वासपात्र,

विश्वास गुप्त

Related posts:

Hindi Letter on “Mitra ka Accident hone par Sahanbhuti Patra”, “मित्र को दुर्घटनाग्रस्त होने पर सहान...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Principal ko School mein 20% Gareeb Baccho ko Praves".h ki Vyavastha ke liye patra”...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on Mohalle me Apradhik Tatvo ke badhne par Thana-Adhyaksh ko Petrolling badhane ka anur...

Hindi Letter Writing

Puraskar milne par badhai patra “पुरस्कार मिलने पर बधाई पत्र” Sample Hindi Letter Writing Example.

Hindi Letter Writing

Putri ke Vivah par nimantran patra “पुत्री के विवाह पर निमंत्रण-पत्र” Sample Hindi Letter Writing Ex...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mitra ko Garmiyo ki Chuttiyo me Amantrit karte hue Patra”, “मित्र को गर्मियों की छु...

Hindi Letter Writing

Bus Condustor ke Vinamra Vyavhar ke liye Parivan Nigam ke Prabandhak ko Patra,बस-कंडक्टर के विनम्र व...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “ Deri se Aane par Principal ko Patra”, “देरी से आने के लिए प्रधानाचार्य को पत्र” fo...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Pratiyogita me Pratham Aane par Mitra ko Patra”, “प्रतियोगिता में प्रथम आने पर मित्...

Hindi Letter Writing

Mitra dwara Garden Party ka nimantran patra ki Aswikriti me uttar “मित्र द्वारा गार्डन पार्टी का निम...

Hindi Letter Writing

Vidyalaya ke Varshik Mohotsav ka varnan karte hue Mitra ko patra "विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन ...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Bade Bhi ki Shadi ke liye Mitra ko Nimantran Patra”, “बड़े भाई की शादी के लिए मित्र...

Hindi Letter Writing

Pradhan Mantri banne par badhai patra “प्रधानमंत्री बनने पर बधाई पत्र” Sample Hindi Letter Writing E...

Hindi Letter Writing

Dussehre ki Chuttiyo me aane ka Nimantra dete hue mitra ko patra "दशहरे की छुट्टियों में आने का निमं...

Hindi Letter Writing

Shaher mein Bijli ki Apurti ki Samasya ke liye Adhikari ko Patra “क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की समस्य...

Hindi Letter Writing

Hoste ke Jeevan ka varnan karte hue mitra ke naam patra "छात्रावास के जीवन का वर्णन मित्र के नाम पत्...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mitra ko Na Milne par Kshama Hetu patra”, “अपने मित्र को न मिलने पर क्षमा हेतु पत्र...

Hindi Letter Writing

Shaher me Baso ki Bigadti Halat aur Kuvyavastha par Sampadak ko Patra “अपने शहर की बसों की बिगड़ती ह...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Kanun Vyavastha ki Bigadti Stithi ke liye Police Adhikshak ko Patra”, “कानून और को ...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Vidyalaya ke Vriksharopan Samaroh ke anubhav ko batate hue chote bhai ko patra”, “व...

Hindi Letter Writing

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.