अंगूठी चोर और बीरबल
एक दिन भरे दरबार में राजा अकबर नें अपनी अंगूठी खो दिया। जैसे ही राजा को यह बात पता चली उन्होंने सिपाहियों से ढूँढने को कहा पर वह नहीं मिली।
राजा अकबर नें बीरबल को दुखी मन से बताया कि वह अंगूठी उनके पिता की अमानत थी जिससे वह बहुत ही प्यार करते थे। बीरबल नें जवाब में कहा! आप चिंता ना करें महाराज, मैं अंगूठी ढून्ढ लूँगा।
बीरबल नें दरबार में बैठे लोगों की तरफ देखा और राजा अकबर से कहा! महाराज चोरी इन्हीं दर्बर्यों में से ही किसी ने की है। जिसके दाढ़ी में तिनका फसा है उसी के पास आपकी अंगूठी है।
जिस दरबारी के पास महाराज की अंगूठी थी वह चौंक गया और अचानक से घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को ध्यान से देखने लगा। बीरबल नें उसकी हरकत को देख लिया और उसी वक्त सैनिकों को आदेश दिया और कहा! इस आदमी की जांच करी जाए।
बीरबल सही था अंगूठी उसी के पास थी। उस दरबारी को पकड़ लिया गया और कारागार में कैद कर लिया गया। अंगूठी वापिस मिलने पर राजा अकबर बहुत खुश हुए।
शिक्षा/Moral:-अगर किसी व्यक्ति ने चोरी की हुई है तभी वोएक दोषी व्यक्ति ही हमेशा डरता रहेगा|