Home » Children Story » Akbar-Birbal Hindi Moral Story “Pair aur Chappal”, “पैर और चप्पल” for Kids, Educational Story for Students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Akbar-Birbal Hindi Moral Story “Pair aur Chappal”, “पैर और चप्पल” for Kids, Educational Story for Students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

पैर और चप्पल

Pair aur Chappal

बीरबल बहुत नेक दिल इंसान थे। वह सैदव दान करते रहते थे और इतना ही नहीं, बादशाह से मिलने वाले इनाम को भी ज्यादातर गरीबों और दीन-दुःखियों में बांटदेते थे, परन्तु इसके बावजूद भी उनके पास धन की कोई कमी न थी। दान देने के साथ-साथ बीरबल इस बात से भी चौकन्ने रहते थे कि कपटी व्यक्ति उन्हें अपनीदीनता दिखाकर ठग न लें।

ऐसे ही अकबर बादशाह ने दरबारियों के साथ मिलकर एक योजना बनाई कि देखें कि सच्चे दीन दुःखियों की पहचान बीरबल को हो पाती है या नही। बादशाह नेअपने एक सैनिक को वेश बदलवाकर दीन-हीन अवस्था में बीरबल के पास भेजा कि अगर वह आर्थिक सहायता के रूप में बीरबल से कुछ ले आएगा, तो अकबरकी ओर से उसे इनाम मिलेगा।

एक दिन जब बीरबल पूजा-पाठ करके मंदिर से आ रहे थे तो भेष बदले हुए सैनिक ने बीरबल के सामने आकर कहा, “हुजूर दीवान! मैं और मेरे आठ छोटे बच्चे हैं, जो आठ दिनों से भूखे हैं….भगवान का कहना है कि भूखों को खाना खिलाना बहुत पुण्य का कार्य है, मुझे आशा है कि आप मुझे कुछ दान देकर अवश्य ही पुण्यकमाएंगे।”

बीरबल ने उस आदमी को सिर से पांव तक देखा और एक क्षण में ही पहचान लिया कि वह ऐसा नहीं है, जैसा वह दिखावा कर रहा है।

बीरबल मन ही मन मुस्कराए और बिना कुछ बोले ही उस रास्ते पर चल पडे़ जहां से होकर एक नदी पार करनी पड़ती थी। वह व्यक्ति भी बीरबल के पीछे-पीछेचलता रहा। बीरबल ने नदी पार करने के लिए जूती उतारकर हाथ में ले ली। उस व्यक्ति ने भी अपने पैर की फटी पुरानी जूती हाथ में लेने का प्रयास किया।

बीरबल नदी पार कर कंकरीले मार्ग आते ही दो-चार कदम चलने के बाद ही जूती पहन लेता। बीरबल यह बात भी गौर कर चुके थे कि नदी पार करते समय उसकापैर धुलने के कारण वह व्यक्ति और भी साफ-सुथरा, चिकना, मुलायम गोरी चमड़ी का दिखने लगा था इसलिए वह मुलायम पैरों से कंकरीले मार्ग पर नहीं चलसकता था।

“दीवानजी! दीन ट्टहीन की पुकार आपने सुनी नहीं?” पीछे आ रहे व्यक्ति ने कहा।

बीरबल बोले, “जो मुझे पापी बनाए मैं उसकी पुकार कैसे सुन सकता हूँ? ”

“क्या कहा? क्या आप मेरी सहायता करके पापी बन जांएगे?”

“हां, वह इसलिए कि शास्त्रों में लिखा है कि बच्चे का जन्म होने से पहले ही भगवान उसके भोजन का प्रबन्ध करते हुए उसकी मां के स्तनों में दूध दे देता है, उसकेलिए भोजन की व्यव्स्था भी कर देता है। यह भी कहा जाता है कि भगवान इन्सान को भूखा उठाता है पर भूखा सुलाता नहीं है। इन सब बातों के बाद भी तुम अपनेआप को आठ दिन से भूखा कह रहे हो। इन सब स्थितियों को देखते हुए यहीं समझना चाहिये कि भगवान तुमसे रूष्ट हैं और वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को भूखारखना चाहते हैं लेकिन मैं उसका सेवक हूँ, अगर मैं तुम्हारा पेट भर दूं तो ईश्वर मुझ पर रूष्ट होगा ही। मैं ईश्वर के विरुद्ध नहीं जा सकता, न बाबा ना! मैं तुम्हें भोजननहीं करा सकता, क्योंकि यह सब कोई पापी ही कर सकता है।”

बीरबल का यह जवाब सुनकर वह चला गया। उसने इस बात की बादशाह और दरबारियों को सूचना दी।

बादशाह अब यह समझ गए कि बीरबल ने उसकी चालाकी पकड़ ली है। अगले दिन बादशाह ने बीरबल से पूछा, “बीरबल तुम्हारे धर्म-कर्म की बड़ी चर्चा है परतुमने कल एक भूखे को निराश ही लौटा दिया, क्यों?”

“आलमपनाह! मैंने किसी भूखे को नहीं, बल्कि एक ढोंगी को लौटा दिया था और मैं यह बात भी जान गया हूँ कि वह ढोंगी आपके कहने पर मुझे बेवकूफ बनानेआया था।”

अकबर ने कहा, “बीरबल! तुमनें कैसे जाना कि यह वाकई भूखा न होकर, ढोंगी है?”

“उसके पैरों और पैरों की चप्पल देखकर। यह सच है कि उसने अच्छा भेष बनाया था, मगर उसके पैरों की चप्पल कीमती थी।”

बीरबल ने आगे कहा, “माना कि चप्पल उसे भीख में मिल सकती थी, पर उसके कोमल, मुलायम पैर तो भीख में नहीं मिले थे, इसलिए कंकड क़ी गड़न सहन न करसके।”

इतना कहकर बीरबल ने बताया कि किस प्रकार उसने उस मनुष्य की परीक्षा लेकर जान लिया कि उसे नंगे पैर चलने की भी आदत नहीं, वह दरिद्र नहीं बल्कि किसीअच्छे कुल का खाता कमाता पुरूष है।”

बादशाह बोले, “क्यों न हो, वह मेरा खास सैनिक है।” फिर बहुत प्रसन्न होकर बोले, “सचमुच बीरबल! माबदौलत तुमसे बहुत खुश हुए! तुम्हें धोखा देना आसानकाम नहीं है।”

बादशाह के साथ साजिश में शामिल हुए सभी दरबारियों के चेहरे बुझ गए।

Related posts:

Hindi Moral Story "Paropkaar Ke Gun", "परोपकार के गुण” for Kids, Full length Educational Story for S...
Children Story
English Short, Moral Story “The Day Walk Made a Friend" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, ...
Moral Story
English Short, Moral Story “Where there is a will there is a Way" for Kids and Children for Class 5,...
Moral Story
Short Story "An Old Lady in The Cruise" for Children, moral story for kids in English for competitio...
Children Story
English Inspirational Story "Developing Self-control" Moral Story for kids and Students.
Moral Story
English Moral Story "At the Right Place" for Kids, Full length Educational Story for Students of Cla...
Children Story
English Short, Moral Story “Solution of Brothers Conflict" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, ...
Children Story
English Short, Moral Story “Take Time to Think and Relax” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8...
Moral Story
Hindi Moral Story "Suni Sunai Baat”, “सुनी सुनाई बात” for Kids, Full length Educational Story for St...
Children Story
Hindi Moral Story "Chalak Billi”, “चलाक बिल्ली” for Kids, Full length Educational Story for Students...
हिंदी कहानियां
English Short, Moral Story “Never Give Up” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compet...
Moral Story
Hindi Moral Story "Naai ki Uchnyukti", "नाई की उच्च नियुक्ति” for Kids, Full length Educational Stor...
Children Story
English Inspirational Story “Change Your Attitude, Change Your Life” Moral Story for kids and Studen...
Moral Story
English Short, Moral Story “Buddhas Plough and Sow” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 1...
Moral Story
English Short, Moral Story “Attitude and Self-confidence” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8...
Moral Story
English Moral Story "You Get what You Give" for Kids, Full length Educational Story for Students of ...
Children Story
English Inspirational Story “Turn Weaknesses into Strengths” Moral Story for kids and Students.
Moral Story
English Moral Story "Jackal and ass" for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5...
Children Story
English Short, Moral Story “The Jackal and the Drum" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, ...
Moral Story
English Short, Moral Story “A Witty Reply" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compet...
Moral Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.