Home » Children Story » Akbar-Birbal Hindi Moral Story “Pandit Ji, “पंडित जी” for Kids, Educational Story for Students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Akbar-Birbal Hindi Moral Story “Pandit Ji, “पंडित जी” for Kids, Educational Story for Students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

पंडित जी

Pandit Ji

शाम ढलने को थी। सभी आगंतुक धीरे-धीरे अपने घरों को लौटने लगे थे। तभी बीरबल ने देखा कि एक मोटा-सा आदमी शरमाता हुआ चुपचाप एक कोने में खड़ाहै। बीरबल उसके निकट आता हुआ बोला, “लगता है तुम कुछ कहना चाहते हो। बेहिचक कह डालो जो कहना है। मुझे बताओ, तुम्हारी क्या समस्या है ?”

 

वह मोटा व्यक्ति सकुचाता हुआ बोला, “मेरी समस्या यह है कि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं। मैंने अपनी शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जिसका मुझे खेद है। मैं भी समाज मेंसिर उठाकर सम्मान से जीना चाहता हूं। पर अब नहीं लगता है ऐसा कभी नहीं हो पाएगा।”

 

“नहीं कोई देर नहीं, ऐसा जरूर होगा यदि तुम हिम्मत न हारो और परिश्रम करो। तुममें भी योग्यता है” बीरबल ने कहा।

 

“लेकिन ज्ञान पाने में तो सालों लग जाएंगे।” मोटे आदमी ने कहा, “मैं इतना इंतजार नहीं कर सकता। मैं तो यह जानना चाहता हूँ कि क्या कोई ऐसा तरीका है किचुटकी बजाते ही प्रसिद्धि मिल जाए।”

 

प्रसिद्धि पाने का ऐसा आसान रास्ता तो कोई नहीं है।” बीरबल बोला, “यदि तुम वास्तव में योग्य और प्रसिद्ध कहलवाना चाहते हो, तो मेहनत तो करनी ही होगी। वहभी कुछ समय के लिए।”

 

यह सुनकर मोटा आदमी सोच में डूब गया। “नहीं मुझमें इतना धैर्य नहीं है।” मोटे आदमी ने कहा, “मैं तो तुरंत ही प्रसिद्धि पाकर ‘पंडित जी’ कहलवाना चाहता हूं।”

 

“ठीक है।” बीरबल बोला, “इसके लिए तो एक ही उपाय है। कल तुम बाजार में जाकर खड़े हो जाना। मेरे भेजे आदमी वहां होंगे, जो तुम्हें पंडित जी कहकर पुकारेंगे।वे बार-बार जोर-जोर से ऐसा कहेंगे। इससे दूसरे लोगों का ध्यान इस ओर जाएगा, वे भी तुम्हें पंडित जी कहना शुरू कर देंगे। ऐसा होना स्वाभाविक भी है। लेकिनहमारा नाटक तभी सफल होगा जब तुम गुस्सा दिखाते हुए उन पर पत्थर फेंकने लगोगे या हाथ में लाठी लेकर उनको दौड़ाना होगा तुम्हें। लेकिन सतर्क रहना, गुस्सेका सिर्फ दिखावा भर करना है तुम्हें। किसी को चोट नहीं पहुंचनी चाहिए।”

 

उस समय तो वह मोटा आदमी कुछ समझ नहीं पाया और घर लौट गया।

 

अगली सुबह वह मोटा आदमी बीरबल के कहेनुसार व्यस्त बाजार में जाकर खड़ा हो गया। तभी बीरबल के भेजे आदमी वहां आ पहुंचे और तेज स्वर में कहने लगे- “पंडितजी…पंडितजी…पंडितजी…।”

 

मोटे आदमी ने यह सुन अपनी लाठी उठाई और भाग पड़ा उन आदमियों के पीछे। जैसे सच ही में पिटाई कर देगा। बीरबल के भेजे आदमी वहां से भाग निकले,लेकिन पंडितजी..पंडितजी…का राग अलापना उन्होंने नहीं छोड़ा। कुछ ही देर बाद आवारा लड़कों का वहां घूमता समूह ‘पंडितजी…पंडितजी…’ चिल्लाता हुआउस मोटे आदमी के पास आ धमका।

 

बड़ा मजेदार दृश्य उपस्थित हो गया था। मोटा आदमी लोगों के पीछे दौड़ रहा था और लोग ‘पंडितजी…पंडितजी…’ कहते हुए नाच-गाकर चिल्ला रहे थे।

 

अब मोटा आदमी पंडितजी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। जब भी लोग उसे देखते तो पंडितजी कहकर ही संबोधित करते। अपनी ओर से तो लोग यह कहकर उसकामजाक उड़ाते थे कि वह उन पर पत्थर फेंकेगा या लाठी लेकर उनके पीछे दौड़ेगा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि मोटा तो चाहता ही यही था। वह प्रसिद्ध तो होने हीलगा था।

 

इसी तरह महीनों बीत गए।

 

मोटा आदमी भी थक चुका था। वह यह भी समझ गया था कि लोग उसे सम्मानवश पंडितजी नहीं कहते, बल्कि ऐसा कहकर तो वे उसका उपहास करते हैं। लोगजान गए थे कि पंडित कहने से उसे गुस्सा आ जाता है। वह सोचता था कि शायद लोग मुझे पागल समझते हैं। यह सोचकर वह इतना परेशान हो गया कि फिर सेबीरबल के पास जा पहुंचा।

 

वह बोला, “मैं मात्र पंडितजी कहलाना नहीं चाहता। वैसे मुझे स्वयं को पंडित कहलवाना पसंद है और कुछ समय तक यह सुनना मुझे अच्छा भी लगा। लेकिन अबमैं थक चुका हूं। लोग मेरा सम्मान नहीं करते, वो तो मेरा मजाक उड़ाते हैं।”

 

मोटे आदमी को वास्तविकता का आभास होने लगा था।

 

मोटे आदमी को यह कहता देख बीरबल हंसता हुआ यह बोला, “मैंने तो तुमसे पहले ही कह दिया था कि तुम बहुत समय तक ऐसा नहीं कर पाओगे। लोग तुम्हें वहसब कैसे कह सकते हैं, जो तुम हो ही नहीं। क्या तुम उन्हें मूर्ख समझते हो? जाओ, अब कुछ समय किसी दूसरे शहर में जाकर बिताओ। जब लौटो तो उन लोगों कोनजरअंदाज कर देना जो तुम्हें पंडितजी कहकर पुकारें। एक अच्छे, सभ्य व्यक्ति की तरह आचरण करना। शीघ्र ही लोग समझ जाएंगे कि ‘पंडितजी’ कहकर तुम्हाराउपहास करने में कुछ नहीं रक्खा और वे ऐसा कहना छोड़ देंगे।”

 

मोटे आदमी ने बीरबल के निर्देश पर अमल किया।

 

जब वह कुछ माह बाद दूसरे शहर से लौटकर आया तो लोगों ने उसे पंडितजी कहकर परेशान करना चाहा, लेकिन उसने कोई ध्यान न दिया। अब वह मोटा आदमीखुश था कि लोग उसे उसके असली नाम से जानने लगे हैं। वह समझ गया था कि प्रसिद्धि पाने की सरल राह कोई नहीं है।

Related posts:

English Short, Moral Story “Story of Thumbelina" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, ...

Children Story

Hindi Moral Story "Har Kisi Par Vishwas Na Kro", "हर किसी पर विश्वास न करो” for Kids, Full length Ed...

Children Story

English Short, Moral Story “Believe in Power of God” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, ...

Moral Story

English Moral Story "Strength in unity" for Kids, Full length Educational Story for Students of Clas...

Children Story

English Short, Moral Story “Respect and Care your Parents” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, ...

Moral Story

Moral Story "How will You Respond " for Kids and Children, English Story for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...

Children Story

English Short, Moral Story “The Most Beautiful Heart” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9,...

Short Story

Moral Story "Doubts of Soldiers " for Kids and Children, English Story for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, ...

Children Story

English Short, Moral Story “If We Learn to Support and Care for Each other” for Kids and Children fo...

Moral Story

Akbar-Birbal Hindi Moral Story "Kiski Nemat", "किसकी नेमत" for Kids, Educational Story for Students ...

हिंदी कहानियां

English Short, Moral Story “Real Beauty" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, competit...

Children Story

English Short, Moral Story “Good Deeds Never Go Unrewarded” for Kids and Children for Class 5, 6, 7,...

Short Story

English Moral Story "Andhka Sur" for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6,...

Children Story

Akbar-Birbal English Moral Story "Birbal's Generosity" for Kids, Educational Story for Students of c...

Moral Story

Short Story "The Hunter and The Doves" for Children, moral story for kids in English for competition...

Children Story

Short Story "The Prince and The Snake" for Children, moral story for kids in English for competition...

Children Story

Hindi Moral Story “Murak Dost Se Akalmand Dushman Accha ”, “मूर्ख दोस्त से अक्लमंद दुश्मन अच्छा” for...

Children Story

Hindi Moral Story "Andhvishwas", "अंधविश्वास” for Kids, Full length Educational Story for Students o...

Children Story

Short Story "Struggles make us Shine" for Children, moral story for kids in English for competition ...

Children Story

Hindi Moral Story "Khud me Achi Chijen Dekhen", "खुद में अच्छी चीजें देखें ” for Kids, Full length E...

Children Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.