खेलकूद का छात्र जीवन में महत्त्व
Khelkud ka Chatra Jeevan me Mahatva
कहावत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए केवल भोजन ही आवश्यक नहीं है, अपितु व्यायाम तथा खेलकूद भी आवश्यक हैं। शिक्षा से हमारा मानसिक विकास होता है। खेलकूद और पढ़ाई में गहरा संबंध है क्योंकि खेलकूद न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, अपितु मस्तिष्क का विकास भी करते हैं। खेलकुद से विद्यार्थी में अनेक नैतिक गणों जैसे-एकता, भाईचारा, मैत्री, खेलभावना, सहयोग आदि का भी विकास होता है, इसीलिए खेलकूद को शिक्षा में एक विषय के रूप में जोड़ा गया है। यह ठीक है कि खेलकूद और पढ़ाई एक-दूसरे से गहरे रूप में जुड़े हैं, परंतु दोनों पक्षों में संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है क्योंकि यदि विद्यार्थी केवल पढ़ाई में लगा रहेगा, तो वह खेलकूद में भाग नहीं ले पाएगा और केवल खेलकूद में लगे रहने से पढ़ाई बाधित हो जाएगी। दोनों पक्षों में संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पढ़ाई तथा खेलकूद दोनों का समय निर्धारित करें और उनका ठीक प्रकार पालन करें।