सहशिक्षा
सहशिक्षा का अर्थ है-साथ शिक्षा ग्रहण करना। जिन शिक्षण संस्थानों में छात्र और छात्राएँ साथ-साथ अध्ययन करते हैं, उन्हें ‘सहशिक्षा संस्थान’ कहा जाता है। सहशिक्षा के संबंध में विद्वानों, विचारकों के विभिन्न मत हैं। सहशिक्षा के समर्थकों का तर्क है कि सहशिक्षा से रूद्विवादिता और संकीर्ण मनोवत्तियाँ लुप्त होंगी तथा छात्रछात्राओं की आपसी झिझक, हीनभावना स्वयं ही समाप्त हो जाएगी तथा उनका व्यवहार शिष्ट तथा संयमित हा जाएगा। इसके विपरीत सहशिक्षा के विरोधियों का तर्क है कि युवावस्था में छात्र-छात्राओं का मस्तिष्क अपरिपक्व होता है। सहशिक्षा से उनका चारित्रिक पतन, अनैतिकता में वदधि होगी तथा मनोवैज्ञानिक समस्याओं का जन्म होगा। दोनों पक्षों के विचारों पर दृष्टिपात करने से यह स्पष्ट है कि यद्यपि सहशिक्षा कुछ सीमा तक छात्र और छात्राओं को एक दूसरे के प्रति आकर्षित कर सकती है, परंतु प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता। सहशिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती है तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक प्रवृत्तियों को जन्म देती है।