भारत की वन-संपदा
Bharat ki Van-Sampada
वन प्रकृति की अमूल्य निधि है। वन मानव एवं वन्य जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। वन नहीं रहेंगे तो हम भी नहीं रहेंगे। विश्व की सभी सभ्यताओं एवं संस्कृतियों ने वन के महत्त्व को स्वीकारा है। वनों में उगे पेड़-पौधे हमारी अनेक समस्याओं का समाधान करते हैं। पेड़-पौधों के कारण वर्षा होती है। इनसे हमें ईधन की प्राप्ति होती है। वन ही जंगली जानवरों के लिए बसेरा है। भूमि-कटाव को रोकने के लिए वनों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। परंतु आजकल वनों की कटाई तेजी से हो रही है। मनुष्य अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए वनों को काटता है। इस प्रकार वह अपने ही विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है। वनों के बिना मनुष्य जीवन संभव नहीं है। पेड़-पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है। यदि पेड़-पौधे ही नहीं होंगे तो मानव सभ्यता कैसे पनप सकती है। इसलिए हम सबका यह परम कर्त्तव्य है कि हम इस समस्या की गंभीरता को समझें और वनों की कटाई को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाएँ। वन संरक्षण में ही मानव सभ्यता संरक्षण का भेद छिपा है।