गणेशोत्सव
Ganesh Utsav
महाराष्ट्र राज्य अपने गणेशोत्सव के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्सव भादों के महीने में आता है। दस दिनों का सार्वजनिक गणेशोत्सव लोकमान्य तिलक ने शुरू कराया था। अब तो यह उत्सव संपूर्ण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।
भादों मास के शुक्ल पक्ष की चौथ को ‘गणेश चतुर्थी’ कहते हैं। इस दिन लोग बैंड-बाजे के साथ भजन-कीर्तन करते हुए गणेशजी की मूर्तियाँ लाते हैं। गली-मुहल्लों में बनाए गए सुंदर मंडपों में घरों में इन मूर्तियों की स्थापना की जाती है।
दस दिनों तक सुबह-शाम गणेशजी की पूजा-आरती होती है। प्रसाद बाँटा जाता है। लाउडस्पीकरों पर भजन-कीर्तन होता रहता है।
दस दिनों के बाद लोग गणेशजी की मूर्तियों का समुद्र या झील में विसर्जन करते हैं। कुछ लोग दस दिन के पहले भी मूर्ति का विसर्जन करते हैं। विसर्जन के समय लोग भक्तिभाव से “गणपति बाप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या” के नारे लगाते हैं।
सचमुच, गणेशोत्सव श्रद्धा और उल्लास का अनोखा पर्व है।