कार–दुर्घटना में मित्र के माता–पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर मन में उठे भावों को व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना–पत्र लिखिए।
ए-6/52, विकास नगर,
नई दिल्ली।
दिनांक………….
प्रिय मित्र रवि,
आज के समाचार पत्र में एक कार-दुर्घटना में तुम्हारे माता-पिता की असामयिक मृत्यु का समाचार पढ़कर मन अत्यंत विचलित हो उठा है। समाचार से ज्ञात हुआ कि वे तो हरिद्वार गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे कि एक ट्रक की टक्कर से यह दुर्घटना घटित हो गई। तुम्हारे ऊपर तो विपत्ति का पहाड़ ही टूट पड़ा है। मैं तो उस दुर्घटना की कल्पना करके ही सिहर उठा हूँ।
अभी तो तुम्हें उनकी छत्र-छाया की बहुत आवश्यकता थी। असमय ही काल के कर हाथ उन्हें हमसे छीनकर ले गए। पर ईश्वर की लीला बड़ी विचित्र है। उसकी आज्ञा के सम्मुख हमें नतुमस्तक होना पड़ता है।
मैं परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ कि वह माता-पिता को अपने चरणों में स्थान दे तथा तुम्हें इस दारुण दुःख को झेलने की शक्ति प्रदान करे।
तुम्हारे दुःख में दु:खी,
रचित