चुनाव के कारण आपके घर की दीवारें नारे लिखने और पोस्टर चिपकाने से गंदी हो गई हैं। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए हिंदुस्तान दैनिक के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक,
हिंदुस्तान
के.जी. मार्ग, नई दिल्ली।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से अपनी एक समस्या का ध्यान संबंधित व्यक्तियों तक पहुँचाना चाहता हूँ। कि हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं। अतः प्राय: किसी न किसी चुनाव का बिगुल बजता रहता है। हाल के निगम चनावों के दौरान पोस्टरबाजी ने शहर के सौंदर्गीकरण को नष्ट किया। मेरे घर की सभी बाहरी दीवारों पर पोस्टर चिकाने की जैसे प्रतियोगिता हुई। सभी पार्टियों के पोस्टर एक-दूसरे के ऊपर चिपकाए गए हैं, आधे-अधूरे फटे पोस्टरों ने मेरे घर को एक प्रदर्शनी स्थल में तब्दील कर दिया। आने-जाने वाले सहज ही वहाँ रुककर आँखों का आनंद लेने से नहीं चूकते। सर, मैं पूछना चाहता हूँ कि एक आम नागरिक का इसमें क्या कसूर है? किसी पार्टी के चुनाव से उसे क्या लेना-देना है? साथ ही मैं चुनाव आयोग से भी पूछना चाहता हूँ कि उसकी आचार-संहिता क्या कागजी ही है?
अंत में मैं संबंधित अधिकारियों से मांग करता हूँ कि वे मेरे घर की दीवारों को साफ करवाकर यह कृत्य करने वालों से जुर्माना वसूलें।
निवेदक
राधेश्याम मिश्रा,
4/5 हवेली हैदर कुली, दिल्ली
दिनांक…………………………….