अपनी क्लास का हीरो बना जेरी
जेरी 7 साल का एक बच्चा है जो तीसरी कक्षा में पढता है. वह स्कूल में डरा सेहमा सा, ना ज़्यादा बोलता है और ना ही ज़्यादा बात करता है. इस बात का फायदा उसके साथ के कई बच्चे उठाते है.
चूँकि वह शरीफ, डरा सेहमा रहता है, उसके साथ के बच्चे उसका मज़ाक या उसे परेशान करते रहते है. वह इतना डरा रहता है कि किसी को कुछ बोल ही नहीं पाता. उसकी इसी आदत से जेरी के माँ-बाप भी परेशान है और चिंतित भी.
एक दिन रोज़ की तरह जेरी की क्लास वाले उसे परेशान कर रहे थे कि 10 वीं क्लास के एक सर ने ये सब देख लिया.
कुछ देर बाद उसी सर ने जेरी को अपने पास बुलाया और उसे एक काला धागा दिया और कहा “जेरी जब तक तुम ये काला धागा अपने पास रखोगे तुम शेर की तरह बहादुर और शक्तिशाली हो जाओगे.
तुम्हे किसी से डरने की ज़रूरत नहीं. अगर तुम्हे क्लास का कोई भी बच्चा परेशान करे तो याद रखना की तुम्हारे पास ये काला धागा है और तुम शेर की तरह किसी से भी मुकाबला कर सकते हो”
उनकी बात सुनकर जेरी बहुत खुश हुआ और उसे विशवास हो गया कि अब वह किसी का भी मुकाबला कर सकता है.
अगले दिन जब जेरी स्कूल में था, तो फिर से वही क्लास के लड़के जेरी को परेशान करने लगे. तभी जेरी को याद आया कि उसके पास तो वो काला धागा है. बस फिर क्या था,
जेरी ने पूरे हौंसले के साथ अपने दोनों हाथो की मुट्ठी बना कर उन लड़के के सामने खड़ा हो गया और कहा “मुझे छूने की हिम्मत मत करना वरना वो हाल करूँगा कि पूरी ज़िन्दगी पछताओगे.”
जेरी ने अपना पूरा गुस्सा निकाल दिया और बहुत ज़ोर से उन लड़को को पीछे हटने के लिए कहा. जेरी को देख कर वे लड़के भी थोड़ा सेहम गए और पीछे हट गए.
अब जेरी को क्लास में कोई तंग नहीं करता और जेरी अब ख़ुशी ख़ुशी स्कूल जाता है.
शिक्षा/Moral:- दोस्तों, हम सब के अंदर एक शेर होता है, बस ज़रूरत है तो उस शेर को जगाने की, जिस दिन हम अपने अंदर के डर को ख़त्म कर के उस शेर को जगा देंगे उस दिन हमें कोई परेशान नहीं कर सकता. हर माँ पिता को अपने बच्चे के दिल में छिपे डर को ख़त्म करने की कोशिश ज़रूर करनी चाहिए क्यूंकि अगर उसके अंदर डर ख़त्म होगा तभी वह स्वतंत्रता और साहस से इस ज़िन्दगी की सभी परेशानियों का सामना कर पायेगा.