Home » Children Story » Hindi Moral Story “Chaplooson ki Dosti”, “चापलूसों की दोस्ती” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Hindi Moral Story “Chaplooson ki Dosti”, “चापलूसों की दोस्ती” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

शिकार का ऐलान

एक घने जंगल में एक शेर और उसके चार सेवक (लोमड़ी, चीता, चील और भेड़िया) रहते थे। लोमड़ी शेर की सेक्रेटरी थी। चीता राजा का अंगरक्षक था। सदा उसके पीछे चलता। चील दूर-दूर तक उड़कर समाचार लाती। भेड़िया गॄहमंत्री था। उनका असली काम तो शेर की चापलूसी करना था।

इस काम में चारों माहिर थे इसलिए जंगल के दूसरे जानवर उन्हें ‘चापलूस मंडली’ कहकर पुकारते थे। शेर शिकार करता। जितना खा सकता, वह खाकर बाकी अपने सेवकों के लिए छोड़ जाया करता था। मजे में चारों का पेट भर जाता।

एक दिन चील ने आकर चापलूस मंडली को सूचना दी, ‘दोस्तों, सड़क के किनारे एक ऊंट बैठा है।’ भेड़िया चौंका, ‘ऊंट! किसी काफिले से बिछड़ गया होगा।’ चीते ने जीभ चटकाई, ‘हम शेर को उसका शिकार करने को राजी कर लें तो कई दिन दावत उड़ा सकते हैं।’

लोमड़ी ने घोषणा की-‘यह मेरा काम रहा।’ लोमड़ी शेर के पास गई और अपनी जुबान में मिठास घोलकर बोली, ‘महाराज, दूत ने खबर दी हैं कि एक ऊंट सड़क किनारे बैठा है। मैंने सुना है कि मनुष्य के पाले जानवर का मांस का स्वाद ही कुछ और होता है। बिलकुल राजा-महाराजाओं के काबिल। आप आज्ञा दें तो आपके शिकार का ऐलान कर दूं?’

शेर लोमड़ी की मीठी बातों में आ गया और चापलूस मंडली के साथ चील द्वारा बताई जगह जा पहुंचा। वहां एक कमजोर-सा ऊंट सड़क किनारे निढाल बैठा था। उसकी आंखें पीली पड़ चुकी थीं।

उसकी हालत देखकर शेर ने पूछा-‘क्यों भाई तुम्हारी यह हालत कैसे हुई?’

ऊंट कराहता हुआ बोला- ‘जंगल के राजा! आपको नहीं पता कि इंसान कितना निर्दयी होता है। मैं एक ऊंटों के काफिले में एक व्यापार माल ढो रहा था। रास्ते में मैं बीमार पड़ गया।

माल ढोने लायक नहीं रहा। उसने मुझे यहां मरने के लिए छोड़ दिया। आप ही मेरा शिकार कर मुझे मुक्ति दीजिए।’ ऊंट की कहानी सुनकर शेर को दुख हुआ।

उसके दिल में राजाओं जैसी उदारता दिखाने की बात आई।

शेर ने कहा-‘ऊंट, तुम्हें कोई जंगली जानवर नहीं मारेगा, मैं तुम्हें अभय देता हूं, तुम हमारे साथ चलोगे और उसके बाद हमारे साथ ही रहोगे।’ चापलूस मंडली के चेहरे लटक गए।

भेड़िया फुसफुसाया-‘ठीक है। हम बाद में इसे मरवाने की कोई तरकीब निकाल लेंगे, फिलहाल शेर का आदेश मानने में ही भलाई है।’ इस प्रकार ऊंट उनके साथ जंगल में आया।

कुछ ही दिनों में हरी घास खाने व आराम करने से वह स्वस्थ हो गया। शेर के प्रति वह ऊंट बहुत कृतज्ञ हुआ। शेर को भी ऊंट का नि:स्वार्थ प्रेम और भोलापन भाने लगा। ऊंट के तगड़ा होने पर शेर की शाही सवारी ऊंट के ही आग्रह पर उसकी पीठ पर निकलने लगी और वह चारों को पीठ पर बिठाकर चलता।

एक दिन चापलूस मंडली के आग्रह पर शेर ने हाथी पर हमला कर दिया। दुर्भाग्य से हाथी पागल निकला। शेर को उसने सूंड से उठाकर पटक दिया। शेर उठकर बच निकलने में सफल तो हो गया, पर उसे चोंटें बहुत लगीं।

शेर लाचार होकर बैठ गया। शिकार कौन करता? कई दिन न शेर ने कुछ खाया और न सेवकों ने। कितने दिन भूखे रहा जा सकता हैं?

लोमड़ी बोली-‘हद हो गई। हमारे पास एक मोटा ताजा ऊंट है और हम भूखे मर रहे हैं।’ चीते ने ठंडी सांस भरी, ‘क्या करें? शेर ने उसे अभयदान जो दे रखा है। देखो तो ऊंट की पीठ का कूबड़ कितना बड़ा हो गया है।

चर्बी ही चर्बी भरी है इसमें।’ भेड़िए के मुंह से लार टपकने लगी, ‘ऊंट को मरवाने का यही मौका है। दिमाग लड़ाकर कोई तरकीब सोचो।’

लोमड़ी ने धूर्त स्वर में सूचना दी- ‘तरकीब तो मैंने सोच रखी है। हमें एक नाटक करना पड़ेगा।’ सब लोमड़ी की तरकीब सुनने लगे। योजना के अनुसार चापलूस मंडली शेर के पास गई।

सबसे पहले चील बोली-‘महाराज, आपको भूखे पेट रहकर मरना मुझसे नहीं देखा जाता। आप मुझे खाकर भूख मिटाइए।’

लोमड़ी ने उसे धक्का दिया- ‘चल हट! तेरा मांस तो महाराज के दांतों में फंसकर रह जाएगा। महाराज, आप मुझे खाइए।’

भेड़िया बीच में कूदा-‘तेरे शरीर में बालों के सिवा है ही क्या?

महाराज मुझे अपना भोजन बनाएंगे।’

अब चीता बोला-‘नहीं! भेड़िए का मांस खाने लायक नहीं होता। मालिक, आप मुझे खाकर अपनी भूख शांत कीजिए।’ चापलूस मंडली का नाटक अच्छा था। अब ऊंट को तो कहना ही पड़ा, ‘नहीं महाराज, आप मुझे मारकर खा जाइए।

मेरा तो जीवन ही आपका दान दिया हुआ है। मेरे रहते आप भूखे मरें, यह नहीं होगा।’ चापलूस मंडली तो यही चाहती थी।

सभी एक स्वर में बोले-‘यही ठीक रहेगा, महाराज! अब तो ऊंट खुद ही कह रहा है।’

चीता बोला-‘महाराज!

आपको संकोच न हो तो हम इसे मार दें?’ चीता व भेड़िया एकसाथ ऊंट पर टूट पड़े और ऊंट मारा गया।

शिक्षा/Moral:- चापलूसों की दोस्ती हमेशा खतरनाक होती है, इनसे सदा बचकर रहना चाहिए।

Related posts:

Hindi Moral Story "Upkaar”, "उपकार” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5,...
हिंदी कहानियां
English Essay, Moral Story “Never be too old to Learn” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9...
Short Story
Hindi Moral Story "Bada Kaun”, “बड़ा कौन” for Kids, Full length Educational Story for Students of Cl...
Children Story
English Short, Moral Story “Lazy Farmer” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compet...
Moral Story
Hindi Moral Story "Tedhi Kheer”, “टेढ़ी खीर” for Kids, Full length Educational Story for Students of...
Children Story
Short Story "Hercules" for Children, moral story for kids in English for competition with moral valu...
Children Story
Hindi Moral Story "Samdarshita" "समदर्शिता" Best Motivational Story of "Sant Laleshawari".
Kids Story
Hindi Moral Story "Koyal", "कोयल” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6...
Children Story
English Inspirational Story “The Cure for Melancholy” Moral Story for kids and Students.
Moral Story
Hindi Moral Story "Nakal me bhi Akal Chahiye", "नक़ल में भी अक्ल चाहिए” for Kids, Full length Educati...
Children Story
Short Story " Health is Wealth" for Children, moral story for kids in English for competition with m...
Children Story
English Moral Story "Struggles develop Strength" for Kids, Full length Educational Story for Student...
Children Story
Hindi Moral Story "Kanhiya ki Hajir Jbabi", "कन्हैया की हाज़िर जवाबी” for Kids, Full length Educatio...
Children Story
Hindi Moral Story "Bhagya me Jaisa Likha Hota hai Waise hi Hota Hai, "भाग्य में जैसा लिखा होता है वै...
Children Story
Hindi Moral Story "Aapsi Foot Sda Le Doobti Hai", "आपसी फूट सदा ले डूबती है” for Kids, Full length E...
Children Story
Short Story "One good turn begets another" for Children, moral story for kids in English for competi...
Children Story
English Short, Moral Story “The Unfaithful Friend" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...
Moral Story
Akbar-Birbal English Moral Story "Hot Iron Test" for Kids, Educational Story for Students of class 5...
Moral Story
English Short, Moral Story “Dishonesty never Wins" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...
Moral Story
English Short, Moral Story “Perfect Life” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, competi...
Moral Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.