Home » Children Story » Hindi Moral Story “Motiyon ke Khet”, “मोतियों के खेत” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Hindi Moral Story “Motiyon ke Khet”, “मोतियों के खेत” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

मोतियों के खेत

एक दिन बादशाह अकबर की रानी समय बिताने के लिए अपने कक्ष में चहलकदमी कर रही थीं। अचानक उनका हाथ एक फूलदान में लगा और वह गिरकर टूट गया। “ओह, यह तो बादशाह का प्रिय फूलदान था।

मैं उन्हें यह नहीं बता सकती कि फूलदान टूट गया है वरना वह बहुत क्रोधित होंगे।” वह चिल्लाई। कुछ समय बाद बादशाह ने कक्ष में प्रवेश किया। उनको अपने कक्ष में कुछ कमी महसूस हुई, पर वह समझ नहीं पाए कि कक्ष में कमी किस चीज की है। याद करने पर पाया कि उनका प्रिय फूलदान कक्ष में नहीं है।

उन्होंने रानी से पूछा- “बेगम, वह फूलदान कहाँ है, जो मुझे एक चीनी यात्री ने तोहफे में दिया था?” “ओह! महाराज, नौकर उसकी धूल साफ करने के लिए ले गया है।” रानी ने झूठ बोलकर अपने आपको बादशाह के क्रोध से बचा लिया। अगली सुबह जब बादशाह सोकर उठे, तो उन्हें तरोताजा देखकर रानी ने अपना दोष स्वीकार करते हुए कहा “महाराज मैंने आपसे फूलदान के विषय में झूठ बोला था।

गलती से मेरा हाथ लग जाने के कारण वह गिरकर टूट गया।” ‘पर तुमने तो कहा था कि नौकर उसे साफ करने के लिए ले गया है। बादशाह अकबर की रानी होते हुए भी तुमने मेरे सामने झूठ बोलने की हिम्मत की। मैं तुम्हें फूलदान तोड़ने के लिए क्षमा करता हूँ, परंतु झूठ बोलने के लिए मैं तुम्हें क्षमा नहीं करूंगा।

अकबर ने क्रोधित होकर कहा- इसके दंड स्वरूप मैं तुम्हें आदेश देता हूँकि तुम तुरंत राजमहल को छोड़कर चली जाओ।” अनेक प्रकार से माफी माँगने के बाद भी बादशाह को रानी पर दया नहीं आई। वह राजमहल को छोड़कर आगरा से बाहर चली गई। शीघ्र ही यह खबर चारों तरफ फैल गई कि रानी ने राजमहल छोड़ दिया है।

अगली सुबह बादशाह ने दरबार में पूछा “क्या कभी किसी ने झूठ बोला है?” सभी दरबारियों ने अपने जीवन के भय के कारण यह जवाब दिया कि उन्होंने हमेशा सच बोला है। उसी समय दरबार में बीरबल ने प्रवेश किया। वह आगरा से बाहर गया हुआ था और सुबह ही वापस आया था। उसके सामने भी वही प्रश्न रखा गया।

बीरबल ने उत्तर दिया- “मैंने हमेशा ईमानदारी से काम करने की कोशिश की है, परंतु कभी-कभी ऐसा समय भी आता है कि व्यक्ति को झूठ का सहारा भी लेना पड़ता है।”

“अकबर ने कहा- “यानि तुम यह कहना चाहते हो कि तुम बेईमान हो। परंतु बाकी सभी उपस्थित दरबारियों ने तो अपने जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोला।

 बीरबल जानता था कि सभी झूठ बोल रहे हैं। अकबर बीरबल से क्रोधित हो गए …..

अकबर बोले- “बीरबल, मैं नहीं चाहता कि मेरे दरबार में कोई झूठा मंत्री रहे। मैं तुम्हें आदेश देता हूँकि तुम तुरंत आगरा छोड़ दो।” रानी को राजमहल छोड़ देने का आदेश पहले ही मिल चुका था। इस समय वह आगरा की सीमा पर बने एक महल में रह रही थीं।

जब रानी को पता चला कि बादशाह सलामत ने बीरबल को भी आगरा छोड़ने का आदेश दे दिया है, तो उसने अपनी विश्वासपात्र नौकरानी से बीरबल को बुलाने के लिए कहा, क्योंकि रानी को पूरा विश्वास था कि बादशाह के आदेश का समाधान सिर्फ बीरबल को पास ही हो सकता है। जब बीरबल और रानी मिले, तो रानी ने पूरी घटना उसे सुनाई। बीरबल ने रानी की मदद करने का आश्वासन दिया।

रानी से विदा लेकर बीरबल शहर के सबसे अच्छे जौहरी के पास गया।

उसने जौहरी को गेहूँ का एक दाना दिखाया और कहा-“मैं चाहता हूँ कि तुम इसी प्रकार के सोने के दाने बनाओ जो बिल्कुल असली लगते हों।” कुछ ही दिनों में गेहूँ के सोने के दाने तैयार हो गए। बीरबल उन्हें लेकर बादशाह अकबर के दरबार में पहुँचा। दरबार में उपस्थित होने की इजाजत लेने के बाद वह बादशाह अकबर के सामने खड़ा हो गया|

बीरबल बोला- “महाराज! आपके आदेश के मुताबिक मुझे आगरा की सीमा में पैर नहीं रखने चाहिए थे, परंतु एक आश्चर्यजनक घटना ने मुझे आपके आदेश का उल्लंघन करने पर विवश कर दिया। मैं शहर के बाहर आवश्यक कार्य से कहीं जा रहा था, तो मार्ग में मुझे एक यात्री मिला, जिसने मुझे गेहूँ के यह अतिविशिष्ट दाने दिए। यदि इन्हें बो दिया जाए, तो हमारे पास सोने की अच्छी पैदावार हो सकती है?”

अकबर गेहूँ के दानों को देखकर आश्चर्यचकित हो गया और बोला “क्या यह सचमुच संभव है?” “महाराज, यह मैं निश्चित रूप से तो नहीं कह सकता, पर हम कोशिश करके तो देख ही सकते हैं। जिसने मुझे यह बीज दिये हैं, उसने मुझे इन्हें उपजाने की सारी प्रक्रिया समझा दी है। मेरे पास थोड़ी-सी उपजाऊ भूमि है।

यदि आप इच्छुक हों, तो अगले सप्ताह पूर्णमासी की रात को हम इन दानों को बो दें।” बीरबल ने कहा। बादशाह बड़ी प्रसन्नता के साथ सहमत हो गया। शीघ्र ही यह खबर चारों ओर फैल गई और सभी लोग निर्धारित दिन, निर्धारित स्थान पर एकत्रित हो गए।

बादशाह ने कहा- “बीरबल अब सोने के दानों को बोना शुरू करो।”

 ‘अरे नहीं, महाराज! मैं इन्हें नहीं बो सकता, क्योंकि मैंने अपने जीवन में छोटे-बड़े बहुत झूठ बोले हैं। इन दानों को केवल वही व्यक्ति बो सकता है जिसने कभी पाप न किया हो, जो पूरी तरह पवित्र हो, और जिसने कभी, छोटी-बड़ा किसी प्रकार का झूठ न बोला हो। लेकिन महाराज, आप चिंतित न हों, केवल मैं ही तो इन्हें नहीं बो सकता, परंतु आप विश्वास कीजिए आपके अन्य सभी दरबारी इन्हें बो सकते हैं।

बीरबल ने कहा- आप जिससे चाहें उससे इसकी बुआई करवा सकते हैं।”

 पर यह क्या। बीरबल की बात सुनते ही सभी दरबारी सिर झुकाकर पीछे हट गए। वे जानते थे कि वे झूठे हैं और उनके बोए हुए दानों से अंकुर नहीं निकलेगा उन्हें शर्मिदा महसूस होते देखकर…..

बीरबल-अकबर से बोला- “महाराज, अकेले आप ही आप ही इन दानों को बो सकते हैं।” “बीरबल, इन दानों को मैं भी नहीं बो सकता, क्योंकि बचपन में मैंने भी कई बार झूठ बोला है।

मुझे डर है कि शायद हमें कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिल पाएगा, जिसने अपने जीवन में झूठ न बोला हो।” तब बादशाह अकबर ने अपनी कही बात के महत्व को स्वयं महसूस किया। उन्होंने बीरबल और रानी को माफ कर दिया और दोनों को अपने साथ वापस आगरा चलने का आदेश दिया।

Related posts:

English Short, Moral Story “Fathers Eyes” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, competi...
Short Story
Hindi Moral Story "Lalchi Kuta", "लालची कुत्ता” for Kids, Full length Educational Story for Students...
Children Story
English Short, Moral Story “Died on the Way" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, comp...
Moral Story
English Inspirational Story "Tempting Egos" Moral Story for kids and Students.
Moral Story
Hindi Moral Story "Parampraon Ka Jaal", "परम्पराओं का जाल” for Kids, Full length Educational Story f...
Children Story
English Short, Moral Story “Who bell The Cat?" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, co...
Moral Story
Hindi Moral Story "Jungle hai to Jivan hai", "जंगल ही तो जीवन है” for Kids, Full length Educational ...
Children Story
English Short, Moral Story “The Clever Boy” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compe...
Short Story
English Inspirational Story “Be Your Own Rival” Moral Story for kids and Students.
Moral Story
Akbar-Birbal English Moral Story "Tit-Bits" for Kids, Educational Story for Students of class 5, 6, ...
Moral Story
Hindi Moral Story "Hathi aur Chuha", "हाथी और चूहा” for Kids, Full length Educational Story for Stud...
Children Story
Hindi Moral Story "Sadvyavhar”, "सद्व्यवहार” for Kids, Full length Educational Story for Students of...
Children Story
English Short, Moral Story “Reason of Old Man's Happiness" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, ...
Children Story
Hindi Moral Story "Apsi Matbhed”, "आपसी सदभाव” for Kids, Full length Educational Story for Students ...
हिंदी कहानियां
Hindi Moral Story "Sarve Bhavantu Sukhin" "सर्वे भवन्तु सुखिनः" Best Motivational Story of "King Ash...
Story
English Short, Moral Story “Kid Reply to his Father" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, ...
Moral Story
Hindi Moral Story “Swavlamban ki Bhawna”, “स्वावलम्बन की भावना” for Kids, Full length Educational St...
Children Story
Moral Story "Think Before You Speak " for Kids and Children, English Story for Class 5, 6, 7, 8, 9, ...
Children Story
English Short, Moral Story “If We Learn to Support and Care for Each other” for Kids and Children fo...
Moral Story
English Short/Moral Story “Who is Wealthy” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, compet...
Moral Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.