Home » Children Story » Hindi Moral Story “Shet Karori Mal”, “सेठ करोरी माल” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

Hindi Moral Story “Shet Karori Mal”, “सेठ करोरी माल” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.

सेठ करोरी माल

सेठ करोड़ी मल पैसे से तो करोड़पति था मगर खरच करने के मामले में महाकंजूस। उसका ये हाल था कि चमड़ी जाये पर दमड़ी न जाए। उस की इस आदत से उसके बीवी बच्चे बहुत परेशान थे। सब कुछ होते हुए भी करोड़ी मल खाने पीने तक में कंजूसी करता था। उसका बस चले तो घर में आलू और दाल के अलावा कुछ नहीं बनना चाहिये। सेठ के पड़ौस में ही कल्लू नाम के एक ग़रीब मज़दूर का घर था। कल्लू एक दम फक्कड़ों की तरह रहता था। जो भी कमाता था, अपने बीवी बच्चों के खाने पिलाने में खरच कर देता था। उस के घर में रोज़ हलवा पूरी बनते थे और वो सीना तान कर मस्ती की चाल से चलता था। कल्लू के रहन सहन को देख कर सेठ के बड़े लड़के लक्ष्मी नारायण को बहुत कष्ट होता था। एक दिन जब उस से रहा नहीं गया तो बाप से जाकर बोला, “पिताजी क्या बात है कि हमारे पास सब कुछ होते हुए भी हम ग़रीबों की तरह रहते हैं, छोटी-छोटी चीज़ों के लिए आप के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। ज़रा उधर कल्लू को तो देखो। ग़रीब मज़दूर है मगर दिल बादशाहों जैसा है। तबियत से बाल बच्चों पर खरच करता है और मस्त रहता है। आखिर बात क्या है।” सेठ ने लक्ष्मी नारायण की बात बहुत ग़ौर से सुनी। थोड़ी देर चुप रहकर बोला कि “बेटा लक्ष्मी, तुम जो भी कह रहे हो एक दम सच कह रहे हो। हम दोनों में बस इतना अंतर है कि कल्लू अभी तक निन्यानवे के चक्कर में नहीं पड़ा है। जिस दिन इस चक्रव्यूह में फँस जाएगा, उस दिन सब हेकड़ी निकल जाएगी।” पिता की बात लक्ष्मी को बिल्कुल नहीं जँची और वो बाप से रोज़ बस कल्लू के बारे में ही सवाल करता था। एक दिन सेठ ने लक्ष्मी को बुलाकर आदेश दिया कि “शाम को दुकान बन्द करके तुम जब घर आओगे तो पेटी में से एक पोटली में निन्यानवे रूपये डाल कर ले आना। ध्यान रहे कि रूपये निन्यानवे ही हों।”

पिता की आज्ञानुसार लक्ष्मी ने वो ही किया जो सेठ ने कहा था और शाम को पोटली पिता के हाथ में थमा दी। थोड़ा अन्धेरा पड़ने पर सेठ ने बेटे को अपने साथ चलने को कहा। जब वो कल्लू के घर के पास पहुँचे तो सेठ ने चुपके से पोटली कल्लू के आँगन में फेंक दी और अपने घर वापिस आ गया। सुबह जब कल्लू ने पोटली देखी तो उसकी उत्सुकता बहुत बढ़ गई। खोल कर देखा तो उस में निन्यानवे रूपये मिले। कल्लू सोचने लगा और अपने में ही बुड़बुड़ाने लगा, “हे ऊपर वाले, अगर देने ही थे तो पूरे एक सौ क्यों नहीं दिये, ये एक रूपया कम क्यों दिया।” अब सारा दिन कल्लू इसी सोच में पड़ गया कि पोटली में सौ रूपये कैसे बनें। एक रूपया बचाने के लिए उस ने पहिले अपने रहन सहन में कमी कर दी, फिर खाने पीने में भी कटौती कर दी। जब सौ पूरे हो गए तो कल्लू ने सोचा कि अब इनको एक सौ एक कैसे बनाऊँ। सौ से एक सौ एक, एक सौ एक से एक सौ दो, एक सौ दो से एक सौ तीन, बस कल्लू इसी चक्कर में पड़ गया और पैसा जोड़ने के फेर में रोज़ जो हलवा पूरी बनते थे वो सब बन्द हो गये। सारा दिन कल्लू बस पोटली में रूपया बढ़ाने की फिकर में रहने लगा और जहाँ भी मौका मिलता था वहीं पैसा बचाने की कोशिश करता। पड़े निन्यानवे के चक्कर में, भूल गए हलवा पूरी कैसे रूपैया एक जुड़ाऊँ, पोटली अभी रही अधूरी

Related posts:

English Short, Moral Story “Secret to Happiness” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, ...
Moral Story
Hindi Moral Story “Ghamandi Mendaki”, “घमंडी मेंढकी” for Kids, Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
Children Story
Hindi Moral Story "Ek se Bhale Do", "एक से भले दो” for Kids, Full length Educational Story for Stude...
Children Story
Hindi Moral Story “Siyar aur Bhediya”, “सियार और भेड़” for Kids, Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...
Children Story
Hindi Moral Story “Ekta mein Bal Hai”, “एकता में बल है” for Kids, Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 1...
हिंदी कहानियां
English Short, Moral Story “Divinity Lies within Us" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, ...
Children Story
Short Story " When Adversity Knocks" for Children, moral story for kids in English for competition w...
Children Story
Akbar-Birbal Hindi Moral Story "Kiska Naukar Kaun", "किसका नौकर कौन" for Kids, Educational Story for...
Children Story
Moral Story "Making a Difference" for Kids and Children, English Story for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, ...
Children Story
English Inspirational Story “Thoughts Produce Results” Bedtime Moral Story for kids and Students.
Moral Story
English Short, Moral Story “Half of the Profit" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, c...
Moral Story
Hindi Moral Story "Andhka Sur”, "अंधका सुर” for Kids, Full length Educational Story for Students of ...
हिंदी कहानियां
English Moral Story "Never Judge Others on what you See" for Kids, Full length Educational Story for...
Children Story
English Short, Moral Story “The lion's bad breath" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...
Moral Story
English Short, Moral Story “Who will bell the cat" for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10...
Moral Story
English Short, Moral Story “Have Patience and Never Give up” for Kids and Children for Class 5, 6, 7...
Moral Story
Short Story "Foolish Imitation" for Children, moral story for kids in English for competition with m...
Children Story
Hindi Moral Story "Gaay aur Bagh", "गाय और बाघ” for Kids, Full length Educational Story for Students...
Children Story
English Short Moral Story “Puppies for Sale” Inspirational Story for Kids and Students of Class 5, 6...
Short Story
English Short, Moral Story “Live Life to the Fullest” for Kids and Children for Class 5, 6, 7, 8, 9,...
Moral Story

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.