लॉटरी लगने पर मित्र को बधाई पत्र ।
मुंबई ।
दिनांक 22 दिसंबर, .
प्रिय बंधु,
सप्रेम वंदना ।
आज के दैनिक समाचार-पत्र में राज्य की लॉटरी का परिणाम प्रकाशित हुआ है । प्रथम पुरस्कार तुम्हें मिला है, यह जानकर मेरी प्रसन्नता का कोई ठिकाना न रहा । तुम बहुत ही भाग्यशाली हो, जो इस छोटी-सी अवस्था में लखपति बन गए हो । तीन लाख की विशाल राशि अनायास ही तुम्हारे क़दमों में लोटने लग गई है । तुम्हारा तो इन लॉटरियों में विश्वास ही नहीं था। मेरे विवश करने पर ही दो टिकट खरीदे थे । खैर, छोड़ो इस बात को । अपना-अपना भाग्य है। अब इस विशाल राशि के लिए क्या-क्या योजनाएं बना रहे हो? यदि तुम चाहो तो इस पूँजी से अपने समूचे जीवन का भविष्य बना सकते हो । पर एक बात यह भी है कि जोड़ना और व्यय करना तो जीवन भर चलता ही रहता है । इस समय अच्छा अवसर है कि तुम इस समय दुनिया की सैर कर आओ; अन्यथा फिर निकलना असंभव-सा हो जाएगा ।
ऑवराय इंटर काटीनेंटल में पार्टी तो हम सभी मित्रों को मिलेगी ही।
बंधु । अब तो भाग्य का सितारा खुलने पर इन लॉटरियों पर तुम्हारा विश्वास बैठा ही होगा । आशा है, सभी प्रांतों की लॉटरियाँ खरीदने का विचार भी मन में उभर आया होगा । काश, हम भी इतने भाग्यशाली होते । अब मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करो । भगवान से मेरी यही प्रार्थना है कि वह तुम्हें शीघ्र ही करोड़पति बना दे ।
शेष कुशल है । भाभी जी को मेरी नमस्ते कहना । दावत की तिथि निश्चित करके मुझे सूचित करना ताकि समय पर उपस्थित हो सकें।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
मुकेश