Home » Hindi Letter Writing » Mitra ko Vivah sambandhi batchit chalane ke vishay ke uttar me patra “मित्र को विवाह संबंधी बातचीत चलाने के विषय के उत्तर में में पत्र” Sample Hindi Letter

Mitra ko Vivah sambandhi batchit chalane ke vishay ke uttar me patra “मित्र को विवाह संबंधी बातचीत चलाने के विषय के उत्तर में में पत्र” Sample Hindi Letter

मित्र को विवाह संबंधी बातचीत चलाने के विषय के उत्तर में में पत्र ।

Hindi-Letter-Writing-GyanIQ

दिल्ली।

दिनांक 16 जनवरी,

प्रियवर श्याम,

सप्रेम वंदना।

तुम्हारा पत्र यथासमय मिल गया था; परंतु पत्रोत्तर की देरी का कारण बनी सरोज । तुम तो जानते ही हो कि सरोज मेरी लाडली बहिन है । उसकी खुशी के लिए मैं अपने प्राणों को भी न्यौछावर कर सकता हूँ, पर विवश नहीं कर सकता।

बंधु ! तुम से कोई छिपाव नहीं । सरोज तुम्हें बचपन से ही चाहती थी; किंतु शिक्षिता होते हुए भी यह बात वह मुख से न निकाल सकी और तुम्हें हँसते-हँसते उसने कमलेश को सौंप दिया था। वह अपनी व्यथा को स्वयं ही पी जाना चाहती थी। इसके लिए उसने अपने जीवन को बहुत ही व्यस्त बना डाला था । उसका गुलाब-सा मुखड़ा फिर किसी ने हँसते हुए नहीं देखा था । विवाह के नाम पर वह खाने को दौड़ती थी । इसलिए विवाह की चर्चा उसके सामने बंद ही कर दी गई थी। माँ इसी गम में चल बसी थीं।

आज से लगभग दस वर्ष पूर्व, मेरे सम्मुख माँग में सिंदूर भरकर, ए नवयुवक को साथ लिए सरोज आ खड़ी हुई । मैं उसे देखकर आश्चर्यचकित-सा रह गया । नवयुवक ने चरणों को स्पर्श कर कहा कि भाई साहब मुझे आशीर्वाद दें कि मैं आपकी लाडली का भार संभाल सकूँ । इसके बाद सरोज मेरे गले से लिपट कर किसी झरने के स्रोत के समान फूट पड़ी । आज बरसों की व्यथा अश्रु बनकर बह रही थी और श्याम मैंने सरोज की खुशी के लिए उसे उस अपरिचित के हाथों सौंप दिया। सच मानो दिवाकर ने उस मुरझाई कली में जान डाल दी थी। सरोज की सूखी हुई बगिया में फिर से बहार आ गई थी। वह कोकिल-सी कूकने लगी थी और न जाने एक वर्ष बाद कहाँ से पतझर ने आकर उस बगिया को सूना कर दिया । विधाता सरोज के होंठों की हँसी न देख सका। दिवाकर भारत-पाक युद्ध में देश के लिए बलिदान हो गया था ।

तब से सरोज दिवाकर की स्मृति में ही खोई-खोई सी रहती है। श्याम ! गत सप्ताह तुम्हारा पत्र मिला। उसे पढ़कर मैं दुविधा में पड़ गया । विधाता सरोज के साथ यह कैसा खेल खेल रहा है ? यह जानने का मुझ में सामर्थ्य न रहा । उस साध्वी नारी के समक्ष जब तुम्हारे प्रस्ताव को रखने का साहस न कर सका तो मैंने वही पत्र उसकी टेबुल पर गीता के अंदर रख दिया। विहान वेला  में नियमित रूप से वह गीता का पाठ किया करती है । उस रात्रि को जानकर मैं देर से लौटा । तुम्हारी भाभी मायके गई हुई है। इस कारण और भी निश्चित-सा था।

मैं अभी बिस्तर पर पड़ा रात्रि की नींद पूरी कर रहा था कि सरोज ने मुझे झकोड़ते हुए कहा कि यह क्या भैया ? उसके हाथ में तुम्हारा पत्र था। वह कंदन स्वर में कहे जा रही थी कि मेरे साथ परिहास मत करो भैया ! विधाता मुझ अभागिन को खुश नहीं देख सकता। मुझे इसी दशा में रहने दो । कोई भी मेरी बदनसीबी को नहीं मिटा सकता।

वह मेरे वक्षस्थल पर सिर रखे अश्रु बहाती रही और मैं उसे ढाढस बँधाता रहा । बहुत समझाने के बाद भी उसने उत्तर नहीं दिया, केवल दीवार पर टंगे तुम्हारे तैल चित्र की ओर देखती रही।

बंधु । मुझे लोक-लाज की कोई चिंता नहीं है । मैं केवल वही करूँगा, जिसमें सरोज के मन को शांति मिलेगी । उर्मि परसों तक मायके से लौट आएगी। तुम दोनों बच्चों को यहाँ छोड़ जाओ । कदाचित बच्चे ही सरोज को इसके लिए तैयार कर सकें । यदि यह संबंध हो गया, तो मैं तुम्हारा ऋणी रहूँगा । दीदी को नमस्ते व बच्चों को प्यार ।

तुम्हारा अभिन्न,

सुधाकर

Related posts:

Bus Condustor ke Vinamra Vyavhar ke liye Parivan Nigam ke Prabandhak ko Patra,बस-कंडक्टर के विनम्र व...

Hindi Letter Writing

Vidyalaya ke Varshik Utsav ke liye nimantran patra “विद्यालय के वार्षिकोत्सव के लिए निमंत्रण-पत्र” S...

Hindi Letter Writing

धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के मनमाने प्रयोग से होने वाली परेशानियों का उल्लेख करते हुए थानाध्यक्ष...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “ Vidyalaya mein Absent hone par Principal ko Patra”, “विद्यालय में अनुपस्थिति पर प्...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “ Jurmana Mafi ke liye Principal Ko Prarthna Patra”, “जुर्माना माफी के लिए प्रधानाचा...

Hindi Letter Writing

Deepawali Abhinandan patra “दीपावली-अभिनंदन पत्र ” Sample Hindi Letter Writing Example.

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Car Durghatna me Mitra ke Mata-Pita ki Mrityu par Mitra ko Samvedna Patra”, “कर दुर...

Hindi Letter Writing

Diya hua Rin wapas mangne ke liye mitra ko patra “ऋण वापस मांगने के लिए मित्र को पत्र” Sample Hindi ...

Hindi Letter Writing

Library Prabandhak ki shikayat karte hue Principal ko Patra “लाइब्रेरी प्रबंधक की शिकायत करते हुए प्...

Hindi Letter Writing

Mitra ko uski vipatti par sahanbhuti prakat karte hue patra "मित्र को उसकी विपत्ति पर सहानुभूति प्रक...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mitra ko Na Milne par Kshama Hetu patra”, “अपने मित्र को न मिलने पर क्षमा हेतु पत्र...

Hindi Letter Writing

Most Asked "Hindi Letters" in Class 10 and 12 CBSE Board Examination Previous Years.

Hindi Letter Writing

Bank ki Cheque Book kho Jane par Manager ko Suchna Patra “बैंक की चैक बुक खो जाने पर मैनेजर को सूचना...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Bus Conductor Ke Abhadra Vyavahar par Parivahan Vibhag ko Shikayat Patra”, “बस कन्ड...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mitra ko Garmiyo ki Chuttiyo me Amantrit karte hue Patra”, “मित्र को गर्मियों की छु...

Hindi Letter Writing

Shaher mein Gandagi ko Saaf Karvane hetu Swasthya Adhikari ko Patra “शहर में गंदगी को साफ करवाने हेत...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Shaher me Badhte Hue Dhwani Pradushan ke bare me Sampadak ko Patra ”, “ध्वनि प्रदूष...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mitra ke Janamdin Party me na pahuchne par Patra”, “मित्र के जन्मदिन पार्टी पर न आ ...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Mata ji ko Behan ki shikayat karte hue Patra”, “माता जी को बहन की शिकायत करते हुए प...

Hindi Letter Writing

Hindi Letter on “Hostel me reh rahe chote bhai ko niyamit roop se Morning Walk karne ki prerna patra...

Hindi Letter Writing

About

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*
*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.