पिता की मृत्यु पर चाचा की ओर से भतीजे को एक सांत्वना भरा पत्र।
कोलकाता ।
दिनांक 22 जनवरी,
प्रिय राजेश,
आनंदित रहो ! भाई साहब की अकस्मात मृत्यु का दुखद समाचार आज दफ्तर में 4-30 बजे संध्या को मिला । इस समाचार ने मेरे मानसिक पटल पर बड़ा आघात पहुँचाया । अब तो हमें धैर्य ही रखना पडेगा । विधाता के आगे किसी की नहीं चलती है । तुम अपनी पढ़ाई में कमी न आने देना । पिता की कमी को महसूस मत करना । मैं सब तरह से तुम्हारी सहायता करूँगा । परीक्षा समाप्त होने पर मैं तुम्हें कोलकाता बुला लूँगा । फिर तुम मेरे साथ ही रहोगे । तुम्हें किसी बात का कष्ट नहीं होगा ? मन तो तुम्हें अभी बुलाने को करता था; किंतु ऐसा करने से तुम्हारा यह वर्ष व्यर्थ चला जाएगा । जिस वस्तु की आवश्यकता हुआ करे, निस्संकोच भाव से लिख दिया करो । मैं तुम्हें भेज दिया करूँगा । कार्य की अधिकता के कारण अवकाश नहीं मिल सका । फिर भी मैं तीन-चार दिन तक तुम्हारे पास पहुँच जाऊँगा ।
अधिक लिखा नहीं जाता ।
तुम्हारा चाचा,
अरविंद कुमार