सगाई पर बधाई देते हुए मित्र को पत्र ।
कृष्णा कुटीर,
सुदामा पुरी, अलीगढ़ ।
दिनांक 10 जून,
प्रिय किशोर,
सप्रेम नमस्ते ।
कल तुम्हारी मौसी मिसिज गुप्ता से यह जानकर खुशी हुई कि तुम विवाह बंधन जैसे पवित्र सूत्र में बंधने जा रहे हो । इसके लिए मेरी ओर से तुम्हें बहुत-बहुत बधाई । किंतु मित्र अगले मास तुम्हारा विवाह है और अभी तक यह शुभ समाचार तुम अपने मित्रों से छिपाये हुए हो । इसका कारण अज्ञात है । मुझे तो ऐसा लग रहा है कि तुमने अभी से अपने जीवन साथी के स्वप्न देखने शुरू कर दिए हैं, उसके प्रति प्रेमालाप के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है । इस कारण सब चीजों को भूल गए हो? खैर, कुछ भी हो, मीठा मुँह किए बिना तो हम मानेंगे नहीं । विवाह की शुभ घड़ी से सूचित करना । मेरे योग्य कोई काम हो, तो लिखना । मेरा सबको यथायोग्य नमस्कार व बच्चों को मृदुल प्यार ।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
रजनीकांत