शिष्य द्वारा परामर्श हेतु प्राध्यापक द्वारा उत्तर में पत्र
मेरठ विश्वविद्यालय,
मेरठ ।
दिनांक 3 अगस्त,
प्रिय प्रभात कुमार,
सदैव आनंदित रहो।
तुम्हारा 28 जुलाई का पत्र मिला । यह पढ़कर बहुत खुशी हुई कि तुमने बी०ए० की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर ली है । तुम जैसे मेधावी एवं परिश्रमी छात्र के लिए प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना सुनिश्चित था ही; किंतु पूर्ण निश्चितता परिणाम निकल जाने पर ही होती है।
तुमने एम०ए० के लिए विषय चुनने के विषय में परामर्श माँगा है और अपनी रुचि अर्थशास्त्र के विषय की ओर व्यक्त की है। मेरे विचार में जिस विषय में तुम्हारी रुचि और गति अधिक है, उसी का विशेष अध्ययन अधिक उपयोगी रहेगा। किंतु आजकल लोग इस दृष्टि से भी सोच-विचार करने लगे हैं. कि किस विषय पर व्यक्ति का भविष्य अधिक उज्ज्वल है । इस दृष्टिकोण को सामने रखते हुए मैं यही परामर्श दूंगा कि हिंदी या संस्कृत में एम. ए. अधिक अच्छा और उपयोगी होगा।
तुम्हारे पिता जी दिल्ली विश्वविद्यालय से एम०ए० कराना चाहते हैं। वहाँ के प्राध्यापक महोदय से मिलकर उनकी भी सम्मति ले लेना।
शेष कुशल है । जब भी मेरी आवश्यकता समझो, पत्र लिख देना । मेरठ आओ तो मिलकर जाना।
तुम्हारा शुभाकांक्षी,
आलोक कुमार