अकल की दुकान एक था रौनक। जैसा नाम वैसा रूप। अकल में भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। एक दिन उसने घर के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा- ‘यहां अकल बिकती है।’ उसका घर बीच बाजार में था। हर आने-जाने वाला वहां से...
Hindi Moral Story “Yahan Akal Bikti Hai”, “यहां अकल बिकती है” for Kids, Full length Educational Story for Students of Class 5, 6, 7, 8, 9, 10.
