विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र।
7, छात्रावास,
रामजस कॉलिज,
विश्वविद्यालय मार्ग, दिल्ली ।
दिनांक 12 मई, ….
प्रिय विनोद,
सप्रेम!
अत्र कुशलं तत्रास्तु । बहुत दिनों के बाद आज तुम्हारा पत्र मिला । प्रियवर ! तुम बहुत ही भाग्यशाली हो, जो इस समय नैनीताल की पर्वतीय सुषमा का आनंद ले रहे हो। हमें तो कम-से- कम चालीस दिन और इस दग्ध गरमी में झुलसना पडेगा । आश्चर्य तो इस बात का है कि उस आनंदमय वातावरण में भी तुम्हें कॉलिज के वार्षिकोत्सव का स्मरण कैसे रह आया ? अच्छा तो यह होता कि पत्र में तुम नैनीताल के रम्य स्थलों के विषय में मुझे लिख कर भेजते, पर उल्टे बाँस बरेली को ! तुम्हारा अनुरोध ही मुझे मान्य है । अब वार्षिकोत्सव का विस्तृत वर्णन पढ़ने के लिए तैयार हो जाओ।
इस वर्ष कॉलिज के वार्षिकोत्सव में विशेष आकर्षण था. गणतंत्र भारत के राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुलकलाम का उद्घाटन भाषण और मालिनी सान्याल का भरतनाट्यम नृत्य । स्वागताध्यक्ष का पद कॉलिज के भूतपूर्व प्रधानाचार्य जी ने ग्रहण किया था । प्रसिद्ध विद्वान एवं साहित्यकार डॉ० नरेंद, अमिताभ बच्चन, डॉ. आलोक कुमार, श्री शरण, यज्ञदत्त शर्मा आदि भी उपस्थित थे । कॉलिज के कुछ छात्रों ने वाद-विवाद की गोष्ठी में भाग लिया । इसमें दिल्ली के सभी कॉलिजों के चुने हुए छात्र भाग ले रहे थे। पर इस प्रतियोगिता में अपने कॉलिज का छात्र अतुल विजयी रहा। रात्रि के समय कवि गोष्ठी हुई । इसमें राजधानी के कुछ चुने हुए कवियों ने भाग लिया । दूसरे दिन कॉलिज की ड्रामेटिक क्लब ने ‘भूखा इंसान’ ड्रामा पेश किया । यह अभिनय की दृष्टि से बहुत ही सफल रहा। तृतीय दिन का कार्यक्रम नाच रंग का था। मालिनी सान्याल, पुष्पा सहगल एंड पार्टी ने दर्शकों के दिल को मोह लिया । इस कार्यक्रम के उपरांत पुरस्कार दिए गए। कई पुरस्कार अपने कॉलिज के छात्र-छात्राओं को मिले । तत्पश्चात राष्ट्रीय गान के साथ वार्षिकोत्सव समाप्त हुआ ।
अब तुम नैनीताल के दर्शनीय स्थलों का पूरा-पूरा उल्लेख लिखकर भेजना ताकि मैं यहाँ गरमी में झुलसता हुआ भी उसका थोड़ा बहुत आनंद ले सकूँ।
मौसी जी व मौसा जी को नमस्ते तथा मंजु को मृदुल प्यार कहना । पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
लक्ष्मीकांत