छात्रावास के जीवन का वर्णन मित्र के नाम पत्र ।
नेहरू छात्रावास,
रामाकृष्णापुरम, नई दिल्ली ।
दिनांक 27 जनवरी,
प्रिय मित्र आलोक,
मधुर स्मृति ।
अभी-अभी विद्यालय से छात्रावास में पहुँचा तो कमरे का दवार खोलते ही तुम्हारा पत्र मिला। तुमने एक साथ अनेक बातें पूछ डाली हैं । वास्तव में हम दोनों सदा साथ रहे हैं । अत: पहली बार दूर रहने पर तुम्हारी यह जिज्ञासा उचित ही है। मुझे भी प्रतिदिन तुम्हारा स्मरण हो आता है । यहाँ छात्रावास के जीवन में कोई परेशानी नहीं है । छात्रावास के जीवन का भी अपना एक विशेष आनंद है । प्रातः जागरण से लेकर रात्रि शयन तक का कार्यक्रम, ऐसा व्यस्तता से भरा हुआ है कि कभी अन्य बातों की ओर ध्यान ही नहीं जाता ।
छात्रावास के सभी साथी एक परिवार के समान रहते हैं । एक दूसरे की अलग-अलग रुचियाँ हमारा खूब मनोरंजन करती हैं । साथ ही उनसे ज्ञान भी बढ़ता है । एक साथ मिलकर चाय-पान, भोजन, मनोरंजन गाना-बजाना आदि स शिक्षा के वातावरण में रस का संचार होता है । छात्रावास के प्रबंध में हम सब स्वयं भाग लेते हैं । इससे किसी से कोई शिकायत या मन मुटाव का प्रश ही नहीं उठता । व्यायाम, खेल-कूद और स्वाध्याय के लिए यहाँ अलग-अलग बहुत अच्छी व्यवस्था है । हम अपनी-अपनी रुचि के अनुसार अवकाश के समय में इन सुविधाओं का लाभ एवं आनंद प्राप्त करते हैं । सच कहता हूँ, किसी दिन तुम यहाँ आओ तो स्वयं छात्रावास के आनंद का अनुभव कर सकते हो । मित्रों को मेरी याद दिलाना ।
तुम्हारा अभिन्न हृदय,
अनुज