बाढ़ से घिरे लोगों के विषय में भतीजे का चाचा को पत्र ।
ई 111, मॉडल टाउन,
दिल्ली-110009
दिनांक 28 सितंबर, .
आदरणीय चाचा जी,
नमस्ते ।
आपको शायद पता ही होगा कि इस वर्ष दिल्ली में बड़ी ज़बरदस्त बाद आई थी। चारों ओर दिल्ली का ग्रामीण भाग तो बाढ़ के पानी में डूब ही गया था । बहुत-सा शहरी भाग भी जल मग्न हो गया था ।
यों तो बाढ़ हर वर्ष आती है । पर हमारा मॉडल टाउन बच जाता था, कभी थोड़ा बहुत पानी आ जाता तो और बात है । इस बार तो हद ही हो गई । पूरा मॉडल टाउन डूबा हुआ था । बाढ़ की चेतावनी तो पहले मिल गई थी, पर हमने उसे गंभीरता से नहीं लिया । कुछ लोग तो पानी आने से पहले ही निकल गए थे, पर अधिकांश लोग रह गए।
हम लोग रात को सो गए थे। काफी शोर मच गया था । नींद खुली तो सारा पानी अंदर घुस आया था । हम जल्दी से उठे, थोड़ा-थोड़ा जरूरी सामान उठाया और ऊपर की मंजिल पर चले गए । वहाँ हमें छह दिन छह-रातें बितानी पड़ी । बिजली कट चुकी थी। खाद्य पदार्थ हमारे पास नहीं रह गए थे। हेलीकोप्टर से गिराये गए पैकिट मिले । कुछ गुजारा हुआ । हम लोग आतंक से ग्रस्त थे और जीवन मृत्यु के बीच झूलते रहे । चारों ओर दूर-दूर तक पानी ही पानी था । पानी का प्रवाह बड़ा तेज़ था । पहली मंजिल तो लगभग डूब ही चुकी थी। फिर धीरे-धीरे पानी उतरा और अंत में बाढ़ का खतरा चला गया ।
चारों ओर कूड़ा-करकट, कीचड़ ही कीचड़ था, बदबू आ रही थी। लोगों को टीके लगाए गए । लोग बीमार भी हुए । सफाई अभियान चालू भी हुआ । बड़ी मुश्किल से काफी समय बाद अब सामान्य जीवन आ सका है । अब यहाँ सब ठीक है । चाची जी को नमस्ते राजीव व संजीव को प्यार ।
आपका ही,
श्रेय रस्तोगी