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Hindi Essay, Nibandh on “समग्र शिक्षा अभियान”, “Samagra Shiksha Abhiyan” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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समग्र शिक्षा अभियान Samagra Shiksha Abhiyan भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। प्रजातंत्र की सफलता वहाँ के निवासियों की शिक्षा पर आधारित होती है। शिक्षा के अभाव में मानव और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता। शिक्षा मनुष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश...

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Hindi Essay, Nibandh on “गाँवों का बदलता स्वरूप”, “Changing nature of villages” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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गाँवों का बदलता स्वरूप भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकतर जनसंख्या गाँव में निवास करती है। ये हमारे देश की महत्त्वपूर्ण इकाई हैं। ‘गाँव’ शब्द सुनते ही हमारे सामने गाँव के हरे-भरे खेत, संदर दृश्य, हल-बैल सहित खेतों में काम करते किसानों...

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Hindi Essay, Nibandh on “शठ सुधरहि सत्संगति पाई”, “Sath Sudhrahi Satsangati Pai” Hindi Paragraph, Speech.

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शठ सुधरहि सत्संगति पाई Sath Sudhrahi Satsangati Pai मनुष्य सामाजिक प्राणी है। उसे अनेक लोगों के संपर्क में आना पड़ता है, जिनका प्रभाव उस पर अवश्य पडता है। उत्तम प्रकृति के मनुष्यों की संगति ‘सत्संगति’ कहलाती है। सत्संगति के प्रभाव से दुष्ट भी सुधर जाते...

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Hindi Essay, Nibandh on “मधुर वाणी”, “Madhur Vani” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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मधुर वाणी Madhur Vani   उपर्युक्त पंक्ति संत कवि कबीर के दोहे का अंश है। पूरा दोहा इस प्रकार है “मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर स्रवन द्वार हवै संचरै, सालै सकल सरीर ॥” अर्थात् मधुर वचन एक औषधि के समान होते हैं...

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Hindi Essay, Nibandh on “पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं”, “Paradhin Supnehu Sukh Nahi” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं स्वतंत्रता मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है। मानव जन्म से लेकर मत्य तक स्वतंत्र रहना चाहता है। पराधीन का आशय है-दूसरों के अधीन होना अर्थात् अपनी रुचि, इच्छा तथा भावना के अनुसार काम न करके किसी अन्य व्यक्ति की इच्छानुसार या...

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Hindi Essay, Nibandh on “मन के हारे हार है”, “Mann Ke Hare Haar Hai” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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मन के हारे हार है, मन के जीते जीत महाकवि तुलसीदास जी ने कहा है-‘कर्म प्रधान विश्व करि राखा’ अर्थात् कर्म ही जीवन है। यह संपूर्ण जगत कर्ममय है। कर्म के बिना लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं। कभी-कभी कर्म करने पर भी व्यक्ति को लक्ष्य...

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Hindi Essay, Nibandh on “करत-करत अभ्यास के”, “Karat Karat Abhyas Ke” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान आज मानव ने अपने परिश्रम, सतत अभ्यास एवं पुरुषार्थ के बल पर प्रकृति पर आधिपत्य स्थापित कर लिया है। उपर्युक्त सूक्ति में अभ्यास के महत्त्व की ओर इंगित किया गया है। वृंद कवि द्वारा रचित पूरा दोहा इस प्रकार...

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Hindi Essay, Nibandh on “समय का महत्त्व”, “The Importance of Time” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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समय का महत्त्व कबीरदास ने कहा है कि आज का काम कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मनुष्य को पछतावे के अलावा और कुछ नहीं मिलता। बीता हुआ वक्त कभी हाथ नहीं आता इसीलिए समय अनमोल धन है। समय का एक...

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Hindi Essay, Nibandh on “सादा जीवन उच्च विचार”, “Simple Living, High Thinking” Hindi Paragraph, Speech for Class 6, 7, 8, 9, 10 and 12 Students.

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सादा जीवन उच्च विचार सादा जीवन उच्च विचार से अभिप्राय है कि व्यक्ति की पहचान उसके विचारों से होती है, उसके रहन-सहन से नहीं। संसार ऐसे महान लोगों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। अब्राहम लिंकन, सुभाषचंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ० सी०वी० रमन, लालबहादुर...

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Hindi Essay, Nibandh on “बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय”, “Bina Vichare Jo Kare So Pache Pachtaye” Hindi Paragraph, Speech.

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बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय  गिरिधर कवि की इस उक्ति का अर्थ है कि जो लोग बिना सोच-विचार के कार्य करते हैं, उन्हें बाद में पछताना पडता है। इससे एक तो वे अपना काम बिगाड़ लेते हैं तथा साथ ही सारे संसार में...

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