समग्र शिक्षा अभियान
Samagra Shiksha Abhiyan
भारत एक प्रजातांत्रिक देश है। प्रजातंत्र की सफलता वहाँ के निवासियों की शिक्षा पर आधारित होती है। शिक्षा के अभाव में मानव और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता। शिक्षा मनुष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती है। एक साक्षर व्यक्ति ही समाज में प्रतिष्ठा पाता है तथा अपने परिवार, समाज और देश के प्रति भी अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वाह करने में सक्षम होता है। वह नवीन जानकारियाँ प्राप्त कर प्रगति की ओर कदम बढ़ा सकता है, परंतु दर्भाग्य से हमारे देश में जनसंख्या की अधिकता के कारण देश की जनता का एक बहुत बड़ा भाग आज भी निरक्षर है। गरीबी, अज्ञानता, रूढियाँ बेरोज़गारी शैक्षिक सुविधाओं के अभाव निरक्षरता को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारक हैं। सरकार तथा समाज सेवी संस्थाओं के अतिरिक्त युवा वर्ग भी साक्षरता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अपने सहपाठियों एवं साथियों के सहयोग से वह निरक्षर बच्चों एवं प्रौढों को शिक्षा प्राप्ति के लिए प्रोत्साहन दे सकता है।