समय का महत्त्व
कबीरदास ने कहा है कि आज का काम कभी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मनुष्य को पछतावे के अलावा और कुछ नहीं मिलता। बीता हुआ वक्त कभी हाथ नहीं आता इसीलिए समय अनमोल धन है। समय का एक क्षण भी बढ़ाना मनुष्य के हाथ में नहीं है; अत: एक-एक पल कीमती है। समय को खोना तो जीवन के बहुमूल्य अवसर को खोने जैसा है। जो व्यक्ति समय को बरबाद करता है, समय उसे ही बरबाद कर देता है। समय के सदुपयोग से सफलता, धन-वैभव तथा सुख-शांति मिलती है। समय का सदुपयोग जीवन में उन्नति का एकमात्र आधार है। समय निरंतर गतिशील है और किसी की प्रतीक्षा नहीं करता, समय के बीत जाने पर आँसू बहाने से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा-‘समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सखाने।’ इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब समय का सदुपयोग न करने के कारण पछतावे के अलावा कुछ हासिल न हुआ। नेपोलियन के जीवन को देखें, तो पल-पल का महत्त्व समझ में आ जाता है। उसके सेनापति द्वारा युद्ध स्थल पर सेना सहित निर्धारित समय से केवल पाँच मिनट देरी से पहुँचने के विलंब ने नेपोलियन के विश्व विजय के स्वप्न को चूर-चूर कर दिया और उसे बंदी बना लिया गया। वनवास के दौरान भविष्य में युद्ध की संभावना को जान अर्जुन ने समय का सदुपयोग करके उस समय में ही दिव्य अस्त्र-शस्त्र इकट्ठे कर लिए, जो उसकी विजय का कारण बने। विद्यार्थियों के लिए समय पालन की नितांत आवश्यकता है क्योंकि इस काल में यदि समय पालन की आदत पड़ गई, तो यह जीवनपर्यंत बनी रहेगी। विद्यार्थी को समय-तालिका बनाकर समय का सदुपयोग करना चाहिए।