जीवन में त्योहारों का महत्त्व
Jeevan Me Tyoharo Ka Mahatva
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। यहाँ आए दिन कोई-न-कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है, जिनमें अनेकरूपता विद्यमान रहती है। भारत की संस्कृति की पहचान है, अनेकता में एकता। यहाँ अनेक धर्मों, संप्रदायों तथा वों के लोग रहते हैं जिन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है, इसीलिए वे अपने-अपने विश्वास, श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार अलग-अलग प्रकार के त्योहार मनाते हैं। हिंदुओं के त्योहारों में होली, दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, वैशाखी, जन्माष्टमी, रामनवमी, मुसलमानों के त्योहारों में ईद, मुहर्रम, ईसाइयों के त्योहारों में गुडफ्राइडे तथा क्रिसमस मुख्य हैं। इनके अतिरिक्त जैनियों के त्योहार महावीर जयंती, पर्युषण पर्व, दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले ओणम, पॉगल आदि मुख्य हैं। ये सभी त्योहार अपना-अपना महत्त्व रखते हैं तथा जीवन के सूनेपन को दूर करके इन्हें नैतिक मूल्यों से जोड़े रखते हैं। इन्हीं त्योहारों के कारण मानव जीवन गतिशील रहता है। वह अपनी संस्कृति के उच्चादरों से जुड़ा रहता है। उसके जीवन में समरसता, उल्लास, स्फूर्ति एवं पारस्परिक सद्भाव, मैत्री तथा स्नेह उत्पन्न होता है। त्योहार चाहे धार्मिक दृष्टि से मनाए जाते हैं, चाहे महापुरुषों की याद में, किसी ऐतिहासिक, पौराणिक घटना-प्रसंग का स्मरण करने अथवा उनसे प्रेरणा लेने के लिए मनाए जाते हों, चाहे फ़सल की कटाई और खलिहानों के भरने की खुशी में मनाए जाते हों, वे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करते हैं।