मेरा प्यारा भारतवर्ष
Mera Pyara Bharat
भारत संसार का शिरोमणि कहलाने वाला देश है। इकबाल ने कहा है-‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा।‘ ‘जंबू दवीप’,’आर्यावर्त’ आदि इसके प्राचीन नाम हैं। कहा जाता है कि दुष्यंत और शकुंतला के महाप्रतापी पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा। भारत के उत्तर में हिमालय और दक्षिण में हिंद महासागर है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रकृति ने इसे खूब सजाया-सँवारा है। भारत आदिम संस्कृति की क्रीड़ा भूमि है। इसी धरा ने विश्व को ज्ञान दिया, वेदों और गीता का संदेश सुनाया। विश्व को अहिंसा और पंचशील का मार्ग दिखाने वाला यही देश है। अनेकता में एकता इसकी संस्कृति की अनूठी पहचान है। यह धरा अनेक महापुरुषों की भूमि है। भारत का अतीत गौरवपूर्ण रहा है, तो वर्तमान संघर्षपूर्ण। सदियों की दासता से जर्जर हुए भारत को अपने विकास के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है। फिर भी यहाँ त्वरित गति से औद्योगिक विकास हुआ है। आज हम परमाणु शक्तिसंपन्न देश हैं। भारत का भविष्य उज्ज्वल है।