मेट्रो रेल
आज देश के महानगरों में अनेक समस्याएँ हैं, जिनमें जनसंख्या की अधिकता, सड़कों पर वाहनों की भीड़-भाड तथा चरमराती परिवहन व्यवस्था भी है। दिल्ली जैसे बड़े महानगर में तो ये समस्याएँ और भी विकराल हैं। दिल्ली में यातायात की समस्या को सुलझाने में मेट्रो रेल ने क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से सन् 1995 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की स्थापना की। मेट्रो रेल सेवा अत्याधुनिक सेवा है। यह पूर्णतः वातानुकूलित, स्वचालित, कंप्यूटर नियंत्रित, सुरक्षित तथा अत्यंत सुविधाजनक है। मेट्रो रेल के दरवाजे अत्याधुनिक हैं तथा माइक्रो प्रोसेसर नियंत्रित स्वचालित हैं। रेलों के आवागमन की जानकारी प्रदान करने के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली की व्यवस्था की गई है। स्टेशनों पर ऑप्टिकल फाइबर लाइन द्वारा दूरसंचार प्रणाली का प्रबंध किया गया है। स्टेशनों पर चढ़ने के लिए स्वचालित सीढ़ियाँ (एस्केलेटर) तथा लिफ़्ट की व्यवस्था भी है। मेट्रो रेल सेवा की सुरक्षा प्रणाली उच्च दर्जे की है। मेट्रो रेल के शुरू होने से सड़कों पर भीड़भाड़ कम हो गई है। प्रदूषण कम हुआ है। समय की बचत होने के साथ-साथ दैनिक यात्रियों को होने वाली परेशानियाँ भी कम हुई हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए तो यह वरदान सिद्ध हुई है। महानगरीय जीवन के लिए तो मेट्रो वरदान है क्योंकि शहरों में हर आदमी व्यस्त है तथा वह यात्रा के दौरान होने वाली असुविधाओं से बचना चाहता है। मेट्रो रेल सेवा का प्रसार आने वाले समय में दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक हो जाएगा। मेट्रो रेल महानगरों के जीवन का सुखद सपना है, जो अब साकार हुआ है।