हिंदी भाषा की उपयोगिता
Hindi Bhasha Ki Upyogita
भूमिका
जिस भाषा की वर्णमाला देवनागरी है और जिसका प्रादुर्भाव सीधा संस्कृत से है, वह हिंदी है।
आवश्यकता
इसके अक्षरों का उच्चारण प्राकृतिक नियमों के अनुसार, उनकी फारसी, अरबी और अंग्रेज़ी अक्षरों से तुलना। शब्दों में माधुर्य और सरलता। भाषा की प्राचीनता। हिंदुस्तान की यही मातृभाषा हो सकती है। क्यों? हिंदी की शीघ्र लिपि।
लाभ
एक मातृभाषा से देशोन्नति । मनुष्यों से परस्पर प्रेम। हिंदुओं के शास्त्र संस्कृत में। हिंदी जानने वालों को संस्कृत सीखने में सुगमता। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी के साहित्य की प्रतिदिन बढ़ती। इसी में भारत की राष्ट्रभाषा होने की योग्यता पाई जाती है और अब देश में राष्ट्रभाषा का स्थान यही प्राप्त कर रही है।
उपसंहार
मुसलमानों के भारत पर आक्रमण से पहले हिंदी मातृभाषा, आजकल कई प्रांतों में शुद्ध और कई प्रांतों में मिश्रित हिंदी प्रचलित। हिंदी-साहित्य सम्मेलन का लिपि के सुधार के लिए उद्योग।